राजस्थान राजनीतिक संकट: आखिर क्यों सचिन पायलट से नहीं मिले राहुल या सोनिया गांधी
जयपुर।
मध्य
प्रदेश
के
बाद
अब
राजस्थान
की
राजनीति
में
उथल-पुथल
मची
हुई
है।
राज्य
के
उप-मुख्यमंत्री
और
कांग्रेस
पार्टी
के
युवा
नेता
सचिन
पायलट
ने
मुख्यमंत्री
अशोक
गहलोत
के
खिलाफ
मोर्चा
खोल
दिया
है।
रविवार
को
सचिन
दिल्ली
में
थे
और
कहा
जा
रहा
है
कि
कांग्रेस
की
अध्यक्षा
सोनिया
गांधी
और
उनके
बेटे
राहुल
गांधी
से
मिलना
चाहते
थे।
लेकिन
उनकी
मुलाकात
दोनों
में
से
किसी
एक
से
भी
नहीं
हो
सकी
है।
अब
सचिन
के
भारतीय
जनता
पार्टी
(बीजेपी)
में
आने
की
अटकलें
तेज
हो
गई
हैं।
हालांकि
सचिन
ने
खुद
इन
अटकलों
को
सिरे
से
खारिज
कर
दिया
है।
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अभी तक नहीं मिला अप्वाइंटमेंट
सचिन पायलट को अभी तक सोनिया और राहुल से मिलने का अप्वाइंटमेंट नहीं मिल सका है। 42 साल के सचिन करीब 30 विधायकों के साथ दिल्ली में थे। उन्होंने करीब नौ दिन पहले गांधी परिवार के करीबी से जब बात की थी तो उस समय मीटिंग की योजना बनाई गई थी। सूत्रों की मानें तो राहुल और सोनिया ने तय किया था कि अगर कोई समझौता संभव है तो वह वार्ता के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपने इस करीबी से संदेश भिजवा दिया था। लेकिन इस बार पायलट ने मुख्यमंत्री की पोस्ट के अलावा कोई और पेशकश मानने से साफ कर दिया।
सोनिया और राहुल की तरफ से दिया गया संदेश
नौ दिन पहले ही राहुल और सोनिया की तरफ से सचिन को यह स्पष्ट कर दिया गया था कि उन्हें सीएम की पोस्ट मिलेगी लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा। उन्हें इसके साथ ही इंतजार करने को कहा गया था। उन्हें बताया गया था कि वह पहले ही डिप्टी सीएम, राजस्थान में कांग्रेस के मुखिया और पांच मंत्रालयों के प्रभारी हैं। माना जा रहा है कि पायलट ने राजस्थान में साल 2018 में हुए चुनावों के दौरान ही आलाकमान की बात स्वीकार कर डिप्टी सीएम का पदद संभाला था। उस समय उन्हें जो आश्वासन दिया गया उसे पूरा नहीं किया गया। इसके बाद से सीएम और डिप्टी सीएम में मतभेद और बढ़ते चले गए।
सिंधिया की राह पर हैं सचिन पायलट
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जो अब बीजेपी में हैं, उन्होंने 22 विधायकों के साथ लेकर कमलनाथ की सरकार को बड़ा झटका दिया था। अब कहा जा रहा है कि 30 विधायकों के साथ सचिन भी लगातार भाजपा के संपर्क में हैं। राजस्थान के हालातों पर करीब से नजर रख रहे लोगों का कहना है कि सचिन, लगातार ज्योतिरादित्य की राह पर हैं। बीजेपी की तरफ से भी जून माह में पायलट से संपर्क साधा गया था। राजस्थान की तीनों सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए सचिन से देश की सत्ताधारी पार्टी ने संपर्क किया था। इसी समय गहलोत की तरफ से आरोप लगाया था कि बीजेपी उनकी सरकार को तोड़ने की कोशिशें कर रही है।
पायलट बोले, अब समर्थकों की सुननी पड़ेगी
सचिन पायलट ने सीनियर जर्नलिस्ट जावेद अंसारी को दिए इंटरव्यू में पार्टी पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है। पायलट ने कहा, 'कोई अपना घर छोड़कर नहीं जाना चाहता है लेकिन इस तरह की प्रताड़ना के साथ आगे बढ़ना जारी नहीं रह सकता है। मेरे विधायक और समर्थक बहुत ही तकलीफ में हैं और अब मुझे उनकी सुननी पड़ेगी।' सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के नेतृत्व को इस संकट के बारे में जानकारी लेकिन पायलट से मिलने से पहले वह बातचीत के लिए एक समान जमीन की तलाश कर रहे थे। जब सिंधिया पार्टी छोड़कर गए थे तो इसी तरह से खबरें आई थीं कि पार्टी अलाकमान ने एक साल तक उन्हें मिलने के लिए अप्वाइंटमेंट नहीं दिया था।