राजस्थान में सियासी संकट: जब चुनाव में सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी के लिए अपनी पगड़ी लगा दी थी दांव पर
राजस्थान में सियासी संकट: जब चुनाव में सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी के लिए अपनी पगड़ी लगा दी थी दांव पर
नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी संकट गहराया हुआ है महज 18 महीने पुरानी कांग्रेस पार्टी की अशोक गहलोत सरकार पर खतरा मंडरा रहा हैं। इसकी वजह है कि राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी हैं। सरकार के गठन के बाद से ही सचिन पायलट को यह महसूस कराया जा रहा था कि उनकी अहमियत नहीं है, जिसके चलते उनकी सीएम गहलोत से नही पटी।
सचिन पायलट ने कांग्रेस की हार होने पर लिया था ये संकल्प
बता दें सचिन पायलट कांग्रेस के कद्दावर नेता स्वर्गीय राजेश पायलट के बेटे हैं। राजस्थान में 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस करारी हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस महज 21 सीट पर सीट पर सिमट गई थी जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राजस्थान राज्य की बागडोर राजेश पायलट को सौंपी थी। उन्हें जनवरी 2014 में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। सचिन पायलट ने भी पार्टी को प्रदेश में जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोक दी थी। इतना ही नहीं 2014 में लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट ने कांग्रेस की हार होने पर उन्होंने यह संकल्प लिया था कि जब तक पार्टी सत्ता में नहीं लौटती वह साफा नहीं बांधेंगे।
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विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत का श्रेय सचिन पायलट को जाता है
जिसके बाद सचिन ने अपना पूरा ध्यान राष्ट्रीय राजनीति से हटा कर राज्य की चुनौतियों पर लगाया और जमीनी स्तर पर पार्टी की जीत के लिए जमीन तैयार की और उनकी मेहनत रंग लाई । राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को मिली जीत का श्रेय भी युवा नेता सचिन पायलट को मिला। कांग्रेस की जीत का सेहरा सचिन पायलट के सर भी बंधा था उन्हें राजस्थान का उप मुख्यमंत्री बनाया गया। बता दें पायलट भारत में सबसे कम उम्र के सांसद बनने का रिकार्ड बनाया था। पायलट ने 14वीं लोकसभा में कांग्रेस की ओर से दौसा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। उस समय उनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी जो कि भारत में सबसे कम उम्र में सांसद बने।
सचिन पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस के पांच दिग्गज नेताओं ने की बात
गौरतलब है कि सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत के बाद सोमवार को पायलट को मनाने के लिए पार्टी के पांच बड़े नेताओं ने उसने बात की है। ताकि राजस्थान में काग्रेंस न टूटे । पायलट से बात करने वालों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और पी. चिदंबरम शामिल हैं। सभी ने अब सचिन पायलट को जयपुर जाने को कहा है, ताकि स्थानीय लेवल पर आगे की बातचीत हो सके।आला नेताओं ने सचिन पायलट से बात करने के बाद राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर छोड़ दिया गया है कि वो बात करना चाहते हैं या नहीं। बता दें कि अशोक गहलोत के शक्ति प्रदर्शन के बाद ये बात सामने आई थी कि सचिन पायलट ने अपनी ओर से कुछ शर्तें रखी हैं।
कांग्रेस की ओर से सचिन को भेजा गया ये संदेश
वहीं सोमवार को विधायक दल की बैठक में पार्टी के 107 विधायक शामिल हुए। इस बैठक के बाद सभी विधायकों को मुख्यमंत्री आवास से बसों में बिठाकर जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल ले जाया गया है। इससे पहले विधायकों ने मीडिया के सामने विक्ट्री साइन दिखाया था। कांग्रेस सुप्रीमों की ओर से सचिन पायलट को संदेश भी भेजा गया जिसमें आलाकमान ने सचिन पायलट को संदेश दिया कि बातचीत के लिए आपका स्वागत है। हम आपसे प्यार करते हैं और आपका सम्मान करते हैं।
इन अटकलों पर सचिन ने लगाया विराम
गौरतलब है कि सिंधिया ने कल इस मुद्दे पर ट्वीट भी किया और कहा कि उन्हें पुराने साथी सचिन पायलट को लेकर दुख है। कांग्रेस पार्टी में योग्यता और क्षमता की कद्र नहीं है। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के किसी करीबी सहयोगी ने दावा किया कि पायलट ना तो बीजेपी जॉइन करने जा रहे हैं और ना ही विपक्षी पार्टी के साथ उनकी कोई बैठक होने जा रही है। वहीं मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि सचिन पायलट राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। हालांकि उन्होंने इससे इनकार कर दिया है।
सचिन पायलट को मनाने के लिए कांग्रेस के पांच दिग्गज नेताओं ने की बात, जयपुर जाने की दी सलाह