सचिन पायलट ने तोड़ी चु्प्पी, कहा- BJP ज्वाइन नहीं कर रहा, गहलोत से नाराज नहीं
जयपुर। राजस्थान की सियासत में इस वक्त भूचाल आया हुआ है, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद सचिन पायलट ने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ दी है, ANI से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि उनके समर्थकों को विकास का मौका भी नहीं मिला, लेकिन कुछ भी कहने से पहले ये बात साफ कर देना चाहता हूं कि मैं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ज्वॉइन नहीं कर रहा हूं, पिछले पांच साल के दौरान मैंने बीजेपी के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है तो ऐसे में बीजेपी में जाने का सवाल ही नहीं है।
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भाजपा में शामिल होने का सवाल ही नहीं: पायलट
इससे पहले इंडिया टूडे को दिए गए इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के बारे में एक गलत एजेंडा फैलाया जा रहा है, मैंने भाजपा से लड़ाई लड़ी है और हराया है तो मैं बीजेपी जॉइन क्यों करुंगा', फिलहाल सिर्फ इतना कह सकता हूं कि लोगों के लिए काम करना जारी रखूंगा। मालूम हो कि गहलोत से बगावत के बाद ये चर्चा जोरों पर थी कि पायलट अपने मित्र ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे।
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मैं गहलोत से नाराज नहीं: सचिन पायलट
सचिन पायलट से जब पूछा गया कि आखिर उन्होंने बगावत का झंडा बुलंद करने की बजाय पार्टी के अंदर चर्चा क्यों नहीं की, तो उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर चर्चा का कोई मंच बचा ही नहीं था। पायलट ने आगे कहा कि सीएम गहलोत ने सत्ता में आने के बाद कुछ नहीं किया, साथ ही उन्होंने ये बात भी कि वह गहलोत से नाराज नहीं हैं। उन्होंने गहलोत से कोई खास ताकत नहीं मांगी थी लेकिन उनकी आवाज को दबाया गया। अफसरों को उनका आदेश न मानने के लिए कहा गया।
राहुल गांंधी के फैसले का सम्मान किया: पायलट
तो वहीं उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने बिना किसी दिक्कत के राहुल गांधी के फैसले (अशोक गहलोत को सीएम बनाना) को माना। सचिन ने कहा कि वह डेप्युटी सीएम नहीं बनाना चाहते थे लेकिन राहुल गांधी के कहने पर वह बने, इसके बावजूद उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा था, नौकरशाहों को मेरे निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए कहा गया था, फाइलें मेरे पास नहीं भेजी गईं।
विधायकों ने अशोक गहलोत को अपना नेता माना
बता दें कि मंगलवार को विधायक दल की बैठक में विधायकों ने अशोक गहलोत को अपना नेता माना और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, जिसके बाद बड़ा एक्शन लेते हुए राजस्थान मंत्रिमंडल से सचिन पायलट और उनके दो करीबी मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी बर्खास्त कर दिया।
'सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं'
कांग्रेस के इस एक्शन के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट करके कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं और इसके साथ ही सचिन पायलट ने अपने Twitter बॉयो से डिप्टी सीएम हटा दिया है और कहीं भी कांग्रेस का जिक्र नहीं है, उन्होंने अपनी बॉयो में लिखा है- टोंक से विधायक | आईटी, दूरसंचार और कॉर्पोरेट मामलों के पूर्व मंत्री, भारत सरकार | कमीशन अधिकारी, प्रादेशिक सेना।
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