नहले पर दहला: भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव पर गहलोत का बड़ा वार कहा- खुद ही लाएंगे विश्वास प्रस्ताव
नई दिल्ली। राजस्थान में चल रहे सियासी संकट का सचिन पायलट के साथ समझौते के बाद अंत हो गया। लेकिन आज का दिन राजस्थान की राजनीति में काफी अहम है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चल रहा तनाव कम से कम पर्दे के सामने तो खत्म होता दिख रहा है। ऐसे में आज से सदन का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और आज सरकार सदन में विश्वास प्रस्ताव ला सकती है। लिहाजा हर किसी की नजर आज होने वाले विश्वास प्रस्ताव पर हेगी। आज के विश्वास प्रस्ताव पर ही अशोक गहलोत सरकार का भविष्य निर्भर है।
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विश्वास
प्रस्ताव
पर
नजर
विश्वास
प्रस्ताव
से
पहले
बहुजन
समाज
पार्टी
ने
अपने
सभी
6
विधायकों
को
व्हिप
जारी
करके
कहा
है
कि
वह
विश्वास
प्रस्ताव
में
कांग्रेस
के
खिलाफ
वोट
करें।
यही
नहीं
विधायकों
को
साफ
चेतावनी
दी
गई
है
कि
अगर
वह
ऐसा
नहीं
करते
हैं
तो
उनके
खिलाफ
कार्रवाई
की
जाएगी।
अहम
बात
यह
है
कि
राजस्थान
चुनाव
के
बाद
ये
सभी
विधायक
कांग्रेस
में
शामिल
हो
गए
थे,
लेकिन
विधायकों
के
कांग्रेस
में
विलय
का
मामला
राजस्थान
हाई
कोर्ट
में
चल
रहा
है,
जिसपर
फैसला
आना
अभी
बाकी
है।
भाजपा
के
भीतर
सबकुछ
ठीक
नहीं
सूत्रों
की
मानें
तो
पिछले
दिनों
के
घटनाक्रम
के
बाद
भारतीय
जनता
पार्टी
के
भीतर
सबकुछ
ठीक
नहीं
चल
रहा
है।
पार्टी
के
भीतर
अंदरूनी
फूट
शूरू
हो
गई
है।
सूत्रों
की
मानें
तो
पूर्व
मुख्यमंत्री
वसुंधरा
राजे
ने
गहलोत
को
भरोसा
दिया
है
कि
वह
अपने
10
विधायकों
के
साथ
उनकी
सदन
में
मदद
करेंगी।
हालांकि
इस
खबर
की
पुष्टि
नहीं
हो
सकी
है,
लेकिन
जिस
तरह
से
हाल
के
दिनों
में
भाजपा
ने
अपने
विधायकों
को
बचाने
के
लिए
जयपुर
में
एक
साथ
कई
चॉपर
उतारे
थे,
उससे
साफ
है
कि
पार्टी
में
सबकुछ
ठीक
नहीं
चल
रहा
है।
भाजपा
के
विधायक
दल
की
गुरुवार
को
बैठक
हुई
थी,
जिसमे
फैसला
लिया
गया
था
कि
पार्टी
सदन
में
अविश्वास
प्रस्ताव
पेश
करेगी।
अगर
सरकार
पूर्ण
बहुमत
साबित
करने
में
सफल
होती
है
तो
इसे
अगले
छह
महीनों
तक
चुनौती
नहीं
दी
जा
सकती
है।
नंबर
गेम
इससे
पहले
गुरुवार
को
कांग्रेस
पार्टी
ने
अपने
विधायक
भंवरलाल
ल
शर्मा
और
विश्वेंद्र
सिंह
के
निलंबन
को
वापस
ले
लिया
है,
जिन्होंने
पायलट
खेमे
का
साथ
दिया
था
और
कांग्रेस
पार्टी
की
ओर
से
इन
दोनों
ही
विधायकों
पर
आरोप
लगा
था
कि
ये
लोग
सरकार
को
गिराने
का
षड़यंत्र
रच
रहे
हैं।
बता
दें
कि
राजस्थान
विधानसभा
में
कुल
200
सीटें
हैं,
जिसमे
से
कांग्रेस
के
पास
101
विधायक
हैं,
जबकि
बसपा
के
6
विधायकों,
सहयोगी
दलों
के
5
विधायकों
और
10
निर्दलीय
विधायकों
का
भी
कांग्रेस
को
समर्थन
प्राप्त
है।
लिहाजा
नंबर
गेम
के
हिसाब
से
पार्टी
के
पास
कुल
122
विधायकों
का
समर्थन
है
जोकि
पूर्ण
बहुमत
का
आंकड़ा
101
से
काफी
ज्यादा
है।
भाजपा
की
उम्मीद
भारतीय
जनता
पार्टी
की
बात
करें
तो
आज
भाजपा
को
राजस्थान
हाई
कोर्ट
से
काफी
उम्मीदें
हैं।
पार्टी
कोर्ट
के
फैसले
की
ओर
देख
रही
है
जोकि
आज
आने
वाला
है।
भाजपा
के
विधायक
ने
बसपा
के
6
विधायकों
के
कांग्रेस
में
शामिल
होने
को
कोर्ट
में
चुनौती
दी
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
गुरुवार
को
उस
याचिका
को
खारिज
कर
दिया
था,
जिसमे
अपील
की
गई
थी
कि
फिलहाल
के
लिए
अस्थायी
तौर
पर
बसपा
के
6
विधायकों
का
कांग्रेस
में
विलय
रोक
दिया
जाए।
लेकिन
सुप्रीम
कोर्ट
ने
इस
याचिका
को
खारिज
करते
हुए
इस
मामले
को
राजस्थान
हाई
कोर्ट
पर
ही
छोड़
दिया
है।
लिहाजा
बसपा
के
ये
सभी
6
विधायक
सदन
में
वोटिंग
में
हिस्सा
ले
सकते
हैं।
हालांकि
सुप्रीम
कोर्ट
ने
कहा
है
कि
वह
इस
मामले
की
सुनवाई
राजस्थान
हाई
कोर्ट
के
फैसले
के
बाद
सोमवार
को
करेगी।