कांग्रेस सरकार के मंत्री बोले- राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का विरोधी रहा है आरएसएस
जयपुर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंत्री शांति धारीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ राष्ट्रगान का भी प्रबल विरोधी रहा है। उन्होंने ये टिप्पणी मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस प्रमुख राजीव गांधी की 75वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी वहां मौजूद थे।
RSS को लेकर राजस्थान सरकार के मंत्री ने की टिप्पणी
राजस्थान के संसदीय कार्य और शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर जयपुर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान दोनों का विरोधी रहा है।' यही नहीं अपने दावों को और मजबूती देने के लिए धारीवाल ने स्वतंत्रता संग्राम के एक उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि जब महात्मा गांधी ने 26 जनवरी, 1930 को हर जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आह्वान किया था, तो उस दिन भी आरएसएस की शाखाओं में भगवा ध्वज फहराया गया था।
'आरएसएस के लोग राष्ट्रगान का विरोध करते हैं'
शांति धारीवाल ने यह भी दावा किया, 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग राष्ट्रगान का भी विरोध करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा नहीं होगी।' उन्होंने कहा कि राजीव गांधी को भी आरएसएस की विचारधारा पसंद नहीं थी। ऐसा इसलिए क्योंकि ये शुरू से दलित और अल्पसंख्यक विरोधी थे। यही नहीं धारीवाल ने राजीव गांधी को महान मानवतावादी व्यक्ति बताया।
'राजीव गांधी सबसे ज्यादा परेशान RSS की विचाराधारा से थे'
राजस्थान सरकार के मंत्री ने कहा, 'राजीव गांधी सबसे ज्यादा परेशान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचाराधारा से थे। उनकी यह पक्की सोच थी कि यह देश अगर सबसे ज्यादा नुकसान उठायेगा, इस देश में सांप्रदायिक तनाव से सबसे अधिक नुकसान होगा तो वह आरएसएस की नीतियों की वजह से होगा। संघ का आज से नहीं 1925 से यही कहना है कि राष्ट्रगान 'जन गण मन' देशभक्ति की वो भावनाएं नहीं जगाता जो राष्ट्रगीत करता है।