दो साल पहले अपना नाम और पता भूल चुका शख्स पहुंचा घर, पुलिस ने इस तरह की मदद
एक वक्त अपने घर को पूरी तरह से भूल चुका व्यक्ति अपने घर वापस लौट आया है। पश्चिम बंगाल के बेरहमपुर जिले में एक मेंटल हॉस्पिटल में दो साल बिताने के बाद 37 वर्षीय धरमबीर दास राजस्थान में वापस अपने घर लौट आए हैं।
कोलकाता। एक वक्त अपने घर को पूरी तरह से भूल चुका व्यक्ति अपने घर वापस लौट आया है। पश्चिम बंगाल के बेरहमपुर जिले में एक मेंटल हॉस्पिटल में दो साल बिताने के बाद 37 वर्षीय धरमबीर दास राजस्थान में वापस अपने घर लौट आए हैं। दास को 2016 में मुर्शीदाबाद में अजीमगंज रेलवे स्टेशन के पास से रेस्क्यू किया गया था, जिसके बाद से वो बेरहमपुर जिले के मेंटल अस्पताल में रह रहे थे।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक दास सितंबर 2016 में अजीमगंज रेलवे स्टेशन के पास से मिले थे। जियागुंज पुलिस स्टेशन के ऑफिर-इंचार्ज अभिजीत बासु मलिक के मुताबिक दास तब अपनी भाषा और कुछ हिंदी के शब्द बोल रहे थे, लेकिन लोकल पुलिस को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। उन्होंने बताया, 'उन्हे अपना नाम या कहां से आया है, ये तक मालूम नहीं था। हमने महसूस किया कि उसे इलाज की जरूरत है और लालबाग अदालत से उन्हें बेरहमपुर मेंटल अस्पताल ले जाने की इजाजत मांगी। कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी।'
मलिक ने बताया कि उन्हें 29 अक्टूबर, 2016 को अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक साल तक इलाज के बाद भी उन्होंने कुछ रिस्पॉन्स नहीं दिया। इस साल जनवरी से उनकी सेहत में सुधार देखने को मिला, जिसके बाद उन्होंने डॉक्टर्स को बताया कि वो भरतपुर के एक गांव से हैं। मलिक के अनुसार 19 नवंबर को अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि दास बेहतर महसूस कर रहे हैं और वो उनसे मिल सकते हैं।
मलिक के अनुसार, 'दास ने हमें जो बताया, हमने उसके आधार पर राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ पुलिस स्टेशन में संपर्क किया। राजस्थान पुलिस ने कफनवाड़ा गांव में रहने वाली दास की मां से मिलवाने में हमारी मदद की।' उधर राजस्थान में रह रहा दास का परिवार मान चुका था कि वो अपने बेटे को अब दोबारा कभी नहीं देख पाएंगे।
दास के रिश्तेदार अजय कुमार ने बताया कि वो 2015 में दिल्ली मजदूरी करने गए थे, लेकिन 2016 में वो गायब हो गए। अजय ने कहा कि उनका परिवार दो साल तक धरमबीर की देखभाल करने के लिए हमेशा मुर्शिदाबाद पुलिस का आभारी रहेगा।