राजस्थान में सीएम पद के लिए अशोक गहलोत के समर्थन में उतरे निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा
राजस्थान में कांग्रेस ने पूरे पांच साल बाद सत्ता में वापसी की है। पार्टी ने अभी तक किसी को भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बताया था, लेकिन अब इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश की ही तरह यहां भी सीएम पद के लिए दो नामों को प्रमुखता से लिया जा रहा हैं और वो हैं- सचिन पायलट और अशोक गहलोत।
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस ने पूरे पांच साल बाद सत्ता में वापसी की है। पार्टी ने अभी तक किसी को भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बताया था, लेकिन अब इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश की ही तरह यहां भी सीएम पद के लिए दो नामों को प्रमुखता से लिया जा रहा हैं और वो हैं- सचिन पायलट और अशोक गहलोत। अब गहलोत के समर्थन में निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा भी उतर गए हैं। रामकेश मीणा ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बनाए।
गंगापुर से निर्दलीय जीतने वाले विधायक रामकेश मीणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस नेतृत्व से हमारी मांग है कि वो आने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए निर्णय लें और अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाकर सही फैसला लें।' राजस्थान में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसपर कांग्रेस हाईकमान आज विधायक दल की बैठक में फैसला ले सकती है। विधायक दल की बैठक के बाद राजस्थान में कांग्रेस नेता शाम 7 बजे राज्यपाल कल्याण सिंह से भी मुलाकात करेंगे।
ये भी पढ़ें: Assembly Election Result 2018: जीत के बाद राहुल गांधी के भाषण की 5 बड़ी बातें
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया है। राजस्थान में कांग्रेस 5 साल बाद फिर सत्ता में वापसी कर रही है। राजस्थान की 199 सीटों पर कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की है। बहुमत से केवल एक सीट दूर कांग्रेस यहां सरकार बनाने के लिए जल्द दावा करेगी।
वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सीएम पद पर पिछले 15 सालों से भाजपा का कब्जा था, लेकिन इस बार कांग्रेस वहां सबसे बड़ी पार्टी बनने में सफल रही। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है। मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां 230 सीटों में से कांग्रेस ने 114, भाजपा ने 109, 4 निर्दलीय के अलावा बसपा ने 2 और सपा ने 1 सीटें जीती हैं। मध्य प्रदेश में बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए।
ये भी पढ़ें: पहले झप्पी और अब शुक्रिया, तो ये है राहुल गांधी की गांधीगिरी, जिसने बदली तस्वीर