जातिसूचक टिप्पणी: राजस्थान हाईकोर्ट से सलमान खान को राहत
सलमान खान और अन्य के खिलाफ फिल्म 'टाइगर जिंदा है' के प्रमोशन के दौरान शेड्यूल कास्ट को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
नई दिल्ली। राजस्थान हाईकोर्ट ने सलमान खान के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच पर रोक लगा दी है। राजस्थान के चूरु में सलमान खान के खिलाफ दर्ज अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अपराध में दर्ज एफआईआर की कार्यवाही पर जस्टिस संदीप मेहता ने रोक लगा दी है। यह मुकदमा सलमान के एक इंटरव्यू के दौरान 'भंगी' शब्द के उपयोग को लेकर दर्ज हुआ था. जस्टिस संदीप मेहता की कोर्ट ने इस मामले में सलमान को राहत देते हुए आगे की जांच पर रोक लगा दी है. सलमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश बोड़ा और निशांत बोड़ा ने पैरवी की थी।
आपको बता दें कि बाल्मिकी समाज के लोगों ने पिछले साल 22 दिसंबर को चूरू के कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था। कोतवाली थाना पुलिस ने अशोक पंवार के परिवाद पर सलमान खान और शिल्पा राजकुन्द्रा दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 क और एससी एक्ट की धारा के अर्न्तगत मामला दर्ज किया था।
सलमान खान और अन्य के खिलाफ फिल्म 'टाइगर जिंदा है' के प्रमोशन के दौरान शेड्यूल कास्ट को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। सलमान खान और कैटरीना कैफ की मुख्य भूमिकाओं वाली 'टाइगर जिंदा है' बीते साल 22 दिसम्बर को रिलीज हुई थी। फिल्म के प्रमोशन के दौरान सलमान और शिल्पा शेट्टी पर वाल्मीकि समाज के लिए जातिगत एवं अपमानजनक शब्द कहे जाने का आरोप है। सलमान खान ने अपनी फिल्म 'टाइगर जिंदा है' के प्रमोशन के दौरान अपने एक डांस स्टेप के बारे में बताते हुए 'भंगी' शब्द का इस्तेमाल किया था। वहीं, शिल्पा ने इसी शब्द का इस्तेमाल करते एक रिएलिटी शो में कहा था कि वो घर में अक्सर ऐसी ही दिखती हैं। मामले में सलमान और शिल्पा के खिलाफ मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज कर दी गई थी।
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