राजस्थान: आरक्षण की मांग को लेकर रेल की पटरियों पर बैठे गुर्जर, कहा- सरकार यहां आकर करे बात
नई दिल्ली: राजस्थान में एक बार फिर गुर्जरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार भी आरक्षण आंदोलन का केंद्र भरतपुर जिला है, जहां पर गुर्जर नेता ट्रेन की पटरियों पर बैठ गए हैं। जिस वजह से दिल्ली-राजस्थान-मुंबई रूट बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। एक ओर प्रशासन ने आंदोलन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, तो वहीं दूसरी ओर रेलवे ने ट्रेनों को रद्द करना, रूट बदलना और गंतव्य से पहले स्थगित करना शुरू कर दिया है।
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वहीं इस आंदोलन में गुर्जर दो गुटों में बंट गए हैं। शनिवार को गुर्जर नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से बात की थी। इस दौरान 14 बिंदुओं पर सहमति बनी। बैठक को गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने सकारात्मक बताया था। साथ ही कहा था कि सरकार उनकी मांगों को पूरा कर देगी, ऐसे में आंदोलन की जरूरत नहीं है। वहीं दूसरी ओर गुर्जर आंदोलन की हर बार अगुवाई करने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला इसमें शामिल नहीं हुए। इससे बाद बड़ी संख्या में गुर्जर ट्रेन की पटरियों पर पहुंच गए। जिससे साफ हो गया कि गुर्जर दो धड़े में बंट गए हैं।
वहीं पटरी पर बैठे गुर्जर नेता इस बार सरकार के आश्वसन पर मानते हुए नहीं दिख रहे। उनके मुताबिक इस बार उनकी ओर से कोई प्रतिनिधिमंडल सरकार से बात करने नहीं जाएगा, जिसको भी बात करनी है उसको आंदोलन स्थल पर आना पड़ेगा। प्रशासन भी हिंसा की आशंका के मद्देनजर पूरी सतर्कता बरत रहा है। गुर्जर आंदोलन के कारण राजस्थान में गुर्जर बाहुल्य दौसा, करौली, सवाई माधोपुर पूरे जिले में जबकि भरतपुर के बयाना और जयपुर जिले की पांच तहसील कोटपूतली, पावटा, शाहपुरा, विराटनगर और जमवारामगढ़ में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
राजस्थान में फिर गुर्जर आरक्षण आंदोलन, 7 ट्रेनों को किया गया डायवर्ट
14
साल
से
चल
रहा
आंदोलन
आपको
बात
दें
कि
बीते
14
साल
से
राजस्थान
में
गुर्जर
आरक्षण
को
लेकर
आंदोलनरत
हैं।
छह
बार
बड़े
स्तर
पर
आंदोलन
कर
चुके
हैं।
जिसमें
72
लोगों
की
मौत
भी
हुई
है,
लेकिन
गुर्जरों
का
मानना
है
कि
अभी
तक
उनकी
मांग
पूरी
नहीं
हुई
है।
अब
ये
उनका
सातवां
आंदोलन
है।