राजस्थान: चित्तौड़गढ़ में भारी बारिश के बीच 48 घंटे से फंसे हैं 350 स्कूली बच्चे, निकालने में जुटे ग्रामीण
नई दिल्ली। राजस्थान में भारी बारिश का दौर जारी है, नदी-नाले उफान पर हैं। राज्य के 6 बड़े बांध कोटा बैराज, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर और माही बजाज के सभी गेट खोलने पड़े हैं। राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, चित्तौड़गढ़ में भारी बारिश की वजह से शनिवार से ही एक स्कूल में 350 बच्चे और 50 शिक्षक फंसे हुए हैं, दो दिन बाद भी वे अपने घर नहीं लौट सके हैं। फिलहाल, ग्रामीण उनकी हर संभव मदद कर रहे हैं।
350 बच्चे और 50 शिक्षक-स्टाफ फंसे
लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। चित्तौड़गढ़ के मऊपुरा आदर्श विद्या मंदिर स्कूल के 350 बच्चे और 50 शिक्षक-स्टाफ शनिवार से ही फंसे हुए हैं। बच्चों और अध्यापकों को स्थानीय लोग भोजन-पानी मुहैया करा रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि वे सुरक्षित हैं और जल्द ही एनडीआरएफ की टीम उन्हें निकालेगी। स्कूल में फंसे बच्चों और शिक्षकों को स्थानीय लोग तत्काल सहायता और खाने-पीने का सामान पहुंचा रहे हैं। रविवार रात को भी बच्चों को स्कूल में ही ठहराया गया था।
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स्थानीय लोग कर रहे मदद
दरअसल, राणा प्रताप डैम से भारी मात्रा में निकले पानी की वजह से सड़कों पर सैलाब है, चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। जबकि कोटा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से श्योपुर की चंबल नदी उफान पर है। यही कारण है कि बढ़े जलस्तर ने कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं और लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। श्योपुर को जयपुर और सवाई माधोपुर से जोड़ने वाला स्टेट हाईवे भी डूब गया है।
भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात
रविवार को बूंदी के बसोली में गुढ़ा बांध के 4 गेट 6 फीट तक खोले गए। इसके बाद 12 गांव को हाई अलर्ट कर दिया गया है। राज्य में बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने प्रभावित जिलों के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। अशोक गहलोत ने मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ से भी बात की और आशा जताई कि दोनों राज्य बचाव कार्यों में कमी नहीं आने देंगे। गहलोत सोमवार को बूंदी, कोटा, झालवाड़ और धौलपुर का हवाई करेंगे।