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कर्ज में डूबे किसान ने बिना प्रचार के जीता विधानसभा चुनाव, जनता ने चंदा इकट्ठा कर लड़वाया चुनाव

अक्सर चुनावों में देखा जाता है कि उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए लाखों-करोड़ों की रकम खर्च कर देते हैं, लेकिन ये शायद पहली बार होगा जब कोई प्रत्याशी प्रचार पर बिना एक रुपये खर्च कर चुनाव जीता हो। ऐसा हाल ही में राजस्थान विधानसभा चुनावों में हुआ है।

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जयपुर। अक्सर चुनावों में देखा जाता है कि उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए लाखों-करोड़ों की रकम खर्च कर देते हैं, लेकिन ये शायद पहली बार होगा जब कोई प्रत्याशी प्रचार पर बिना एक रुपये खर्च कर चुनाव जीता हो। ऐसा हाल ही में राजस्थान विधानसभा चुनावों में हुआ है। यहां श्रीडूंगपुर विधानसभा क्षेत्र से किसान नेता गिरधारीलाल माहिया ने सीपीएम के टिकट पर जीत दर्ज की है। उन्होंने प्रचार पर कोई पैसे खर्च नहीं किए, बल्कि लोगों ने ही उन्हें चंदा दिया।

Rajasthan

राजस्थान के श्रीडूंगपुर विधानसभा क्षेत्र से सीपीएम के प्रत्याशी गिरधारीलाल माहिया ने बिना किसी प्रचार के जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के मंगलराम को 24000 से ज्यादा वोटों से मात दी। खेती के लिए कर्ज लेने वाले माहिया ने अपने चुनावी प्रचार के लिए किसी से एक रुपया नहीं लिया। लोगों के प्यार और भरोसे ने उन्हें जयपुर में विधानसभा पहुंचाया।

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गिरधारीलाल माहिया किसानों के लिए काफी समय से काम कर रहे हैं, लेकिन जब अभी लोगों ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके पास चुनाव में खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं। वहीं उनका परिवार भी उनके चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं था। ऐसे में गांववालों ने उन्हें काफी समझाया और उन्हें चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। लोगों ने खुद से ही गिरधारीलाल माहिया के लिए चंदा इकट्ठा किया।

अपनी शानदार जीत पर माहिया ने कहा, 'भाजपा-कांग्रेस ने संसाधनों का उपयोग किया, लेकिन जनता के प्यार और समर्थन ने मुझे जिता दिया। ये एक ऐतिहासिक चुनाव था।' माहिया ने नरेगा, नहर, बिजली जैसे कई मुद्दों के लिए आंदोलन किया है। उन्होंने 2001 में मूंगफली के दामों को लेकर आंदोलन किया था, जिसके सामने राज्य सरकार को भी झुकना पड़ा था। अशोक गहलोत उस वक्त मुख्यमंत्री थे। माहिया के आंदोलन के बाद मूंगफली के दाम 1340 रुपये तय किए गए थे।

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English summary
Rajasthan: Farmer In Debt Contested Assembly Elections Without Any Money, Won By Huge Margin.
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