राजस्थान: कांग्रेस की जीत का यह आंकड़ा देखकर चकरा जाएगा सिर!
नई दिल्ली। पिछले 15 साल से भाजपा का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने प्रचंड जीत दर्ज की है। यहां कांग्रेस ने भाजपा की तुलना में 10 प्रतिशत से ज्यादा वोट प्राप्त कर इतिहास रच दिया है। राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। राजस्थान में कांग्रेस को 99 और भाजपा को 73 सीटें मिली हैं। हालांकि, कांग्रेस को राजस्थान में उतनी बड़ी जीत नहीं मिली है, लेकिन सरकार बनाने लायक सीटों का आंकड़ा उसे मिल रहा है। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के परिणामों में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है, वो है वोट प्रतिशत। आप जानकर हैरान जाएंगे कि यहां कांग्रेस को भाजपा की तुलना में सिर्फ आधा प्रतिशत वोट ही ज्यादा मिला है। मतलब भाजपा ने सिर्फ आधे प्रतिशत वोट की वजह से राजस्थान की सत्ता गंवा दी।
सिर्फ आधे प्रतिशत वोट के साथ कांग्रेस ने उखाड़ दी भाजपा की सत्ता
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में कांग्रेस को 39.3 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं, जबकि भाजपा को 38.8 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए। दोनों दलों के बीच सिर्फ 0.5 प्रतिशत वोटों का अंतर रहा और इतने से फर्क ने राजस्थान से वसुंधरा राजे सिंधिया को सत्ता से बाहर कर दिया।
32 प्रतिशत वोट पाने के बाद भी राजस्थान में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी कांग्रेस
कांग्रेस के साथ लंबे समय से यह समस्या रही है कि वह वोट प्रतिशत की तुलना में सीटें हासिल नहीं कर पाती है, लेकिन इस बार के चुनाव में उसने इस कमजोरी पर काफी हद तक पार पा ली है। राजस्थान के ही पिछले चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो कांग्रेस की यह कमजोरी साफ उभरकर आती है। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 55.6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों भगवा फहरा दिया, जबकि कांग्रेस पार्टी 30.7 प्रतिशत वोट पाने के बाद भी एक सीट पर भी जीत दर्ज नहीं कर पाई थी। मध्य प्रदेश की बात करें तो 2008 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 38 फीसदी वोट शेयर के साथ 143 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, कांग्रेस 32 प्रतिशत वोट प्राप्त करने के बाद भी सिर्फ 71 सीटें ही पाई। इसी प्रकार से 2013 में बीजेपी ने 45 फीसदी वोट शेयर के साथ 165 सीटों पर कब्जा किया तो कांग्रेस 36 प्रतिशत वोटों के साथ सिर्फ 58 सीटें जीत सकी। अब 2014 लोकसभा चुनाव में राजस्थान के नतीजों पर भी गौर लीजिए।
लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस का खराब रहा स्ट्राइक रेट
पुराने आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि कांग्रेस को खराब स्ट्राइक रेट की वजह से कितना नुकसान उठाना पड़ रहा था। 2014 लोकसभा चुनाव का ही उदाहरण लेते हैं। इस चुनाव में कांग्रेस को 19.3 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सिर्फ 44 सीटों पर जीत प्राप्त हुई। अब 2009 में बीजेपी के प्रदर्शन पर नजर डालते हैं। 2009 लोकसभा चुनाव बीजेपी ने लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में लड़ा था और पार्टी को कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवानी पड़ी थी, लेकिन तब भी बीजेपी का स्ट्राइक रेट काफी बेहतर था। बीजेपी को 2009 में 18.5 प्रतिशत वोट मिले थे और वह 116 सीटें में सफल रही थी। मतलब 2014 में कांग्रेस को बीजेपी की तुलना में वोट ज्यादा पर सीटें 72 कम प्राप्त हुईं।
सबसे कम वोट शेयर पाकर बीजेपी ने प्राप्त किया बहुमत
2014 लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस 19.3 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त कर सिर्फ 44 सीटें हासिल कर सकी, वहीं बीजेपी ने स्ट्राइक रेट के मामले में रिकॉर्ड बना डाला। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने सिर्फ 31 प्रतिशत वोट हासिल कर 282 सीटों पर जीत हासिल कर ली। इससे पहले कांग्रेस ने 1967 में 40.8 प्रतिशत वोट के साथ 283 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इन दोनों परिणामों की तुलना करें तो बीजेपी को करीब 10 प्रतिशत वोट कम मिले, जबकि उसने कांग्रेस से सिर्फ एक सीट कम हासिल की। एक प्रकार से वोट शेयर के मामले में यह बीजेपी का खराब रिकॉर्ड है, लेकिन उसका यही खराब रिकॉर्ड कांग्रेस की मुसीबत बनता जा रहा है।