छोटे कद की इस महिला IAS को गहलोत ने दी बड़ी जिम्मेदारी, पढ़िए संघर्ष और सफलता की पूरी कहानी
जयपुर। राजस्थान चुनाव में शानदार जीत के बाद अशोक गहलोत के नेतृत्व में नई सरकार ने कमान संभाल ली है। इसी के साथ सरकार ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल भी किया है। मंगलवार को 40 आईएएस अधिकारियों के तबादलों के आदेश जारी किए गए। जानकारी के मुताबिक इस प्रशासनिक फेरबदल में कुल 8 अधिकारियों को सीएम कार्यालय में लगाया गया है। कुलदीप रांका को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया गया है। वहीं छोटे कद की महिला आईएएस अधिकारी आरती डोगरा को गहलोत सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी देते हुए मुख्यमंत्री का संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया है। आरती डोगरा अब तक अजमेर की जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रही थी। आरती डोगरा को जिस तरह से नई सरकार में अहम जिम्मेदारी दी गई है इससे एक बात तो साफ हो गई कि कद नहीं काम बोलता है। आइये जानते हैं उनके बारे में...
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2006 बैच की आईएएस हैं आरती डोगरा
देहरादून में पली-बढ़ी आईएएस अधिकारी आरती डोगरा एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। 2006 बैच की आईएएस आरती डोगरा का कद भले ही साढ़े तीन फीट का है, लेकिन अपने प्रशासनिक फैसलों से उन्होंने राजस्थान में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में महिलाओं के लिए मिसाल बनकर सामने आई हैं। उनके इसी अंदाज की वजह से खुद प्रधानमंत्री ने भी उनकी तारीफ की है। उनकी इसी काबिलियत को देखते हुए उन्हें नई सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया।
कई अहम पदों पर संभाल चुकी हैं जिम्मेदारी
अपने प्रशासनिक करियर में आईएएस अधिकारी आरती डोगरा कई अहम पदों पर रह चुकीं हैं। अभी तक वो अजमेर के जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी संभाल रही थी। इससे पहले जोधपुर डिसकॉम के प्रबंध निदेशक के पद पर रह चुकी हैं। इतने अहम पद को संभालने वाली वो पहली महिला आईएएस थीं। उन्होंने बीकानेर के कलेक्टर की भी जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। उनके किए कार्यों की वजह से आरती डोगरा को राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कई सम्मान मिल चुके हैं।
'बंको बीकाणो' अभियान को मिली सराहना
बीकानेर की कलेक्टर रहते हुए अप्रैल, 2013 में आरती डोगरा ने खुले में शौच से मुक्ति का अभियान ‘बंको बीकाणो' की शुरुआत की, जिसकी काफी सराहना हुई थी। इसके तहत उन्होंने लोगों को खुले में शौच नहीं जाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गांवों में पक्के शौचालय बनवाए, इसकी मॉनिटरिंग मोबाइल सॉफ्टवेयर के जरिए की। जानकारी के मुताबिक ये अभियान करीब 195 ग्राम पंचायतों में चलाया गया। जिसकी कामयाबी के बाद आस-पास के जिलों में भी इसे अपनाया गया।
कई अभियान रहे सुपरहिट
'बंको बीकाणो' अभियान को पंजाब, मध्य प्रदेश समेत कई दूसरे राज्यों में सराहा गया। इस अभियान के दौरान बीकानेर देश का पहला ऐसा जिला बना, जहां पक्के शौचालयों की मानिटरिंग 'आउट कम ट्रैकर सॉफ्टवेयर' के जरिए मोबाइल से की जाने लगी। देश के करीब 18 राज्यों के प्रतिनिधिमंडल ने इस अभियान का रिसर्च किया। देश ही नहीं विदेश से बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाइलैंड आदि देशों के प्रतिनिधियों ने भी बीकानेर आकर इस अभियान की जानकारी ली। इसके अलावा आरती डोगरा का 'मिशन अगेंस्ट एनीमिया' और 'डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स' अभियान को भी राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
महिलाओं के लिए बनीं मिसाल
आरती डोगरा भले ही आज अपनी काबिलियत की वजह से एक मिसाल बन चुकी हैं। हालांकि एक समय ऐसा भी था जब उन्हें लगा कि वो आईएएस नहीं बन पाएंगी। उन्होंने उम्मीदें छोड़ दी थीं। हालांकि जल्दी ही उन्होंने इससे खुद को उबार लिया और नतीजा यही हुआ कि वो आज एक आईएएस अफसर हैं। उन्होंने बताया कि आईएएस की तैयारी के दौरान ही कुछ विषय में फंसने की वजह से मैं हिम्मत हारने लगी थी, लेकिन परिवार का साथ मिलने की वजह से मैं इसमें सफल हुई।
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