अशोक गहलोत ने घूंघट प्रथा के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- अब घूंघट का जमाना गया
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के अंदर सदियों से चली आ रही घूंघट प्रथा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के घूंघट करने की प्रथा पर प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को यहां कहा कि, जमाना गया घूंघट का। यही नहीं गहलोत ने डायन कुरीति को लेकर भी कहा कि, डायन जैसा कुछ नहीं होता है। मैं तो खुद मैजिशियन हूं, जादू में कुछ जादू नहीं होता, केवल ट्रिक होती है, ट्रिक से ही लगता है कि जादू है।
मुख्यमंत्री गहलोत मंगलवार को जयपुर में एकल नारी शक्ति संगठन के कार्यक्रम 'जश्न एक बहनचारे का' में महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि, कांग्रेस ने पंचायतों और स्थानीय निकायों में महिलाओं को ताकत दी, हालांकि इसके चलते शुरूआत में सरपंच पतियों की एक नई जमात खडी हो गई, लेकिन अब यह सम्भव नहीं है। महिलाएं आगे आ रही है और उन्हें अब घूंधट में कैद करके नहीं रखा जा सकता। जब तक घूंघट रहेगा तब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ सकती। अब घूंघट का जमाना गया।
उन्होंने बिना घूंघट की महिलाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में अब भी घूंघट करती हैं। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हिम्मत और हौसले के साथ आपको आगे बढ़ना पड़ेगा। सरकार आपके साथ खड़ी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्त बदल चुका है। महिलाएं पढ़-लिखकर हर क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण हमारे सामने है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं पर अत्याचार व उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए हैं। गहलोत ने कहा-हमने सरकार बनने के बाद फैसला किया है कि सभी जिलों में डिप्टी एसपी रैंक का एक एक अफसर इसी तरह के मामलों को देखेगा।
गहलोत महिलाओं के इस कार्यक्रम में बाल विवाह के खिलाफ भी बोले और कहा कि बाल विवाह नहीं होने चाहिए क्योंकि उससे जिंदगी सिर्फ बर्बाद होती है। उन्होंने बताया कि हाल ही में जनसुनवाई के दौरान एक बच्ची शिकायत लेकर आई कि उसका बाल विवाह किया जा रहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्ची का बाल विवाह नहीं होना चाहिए और अगर वह पढना चाहे तो सरकार पूरी मदद करेगी।
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