राजस्थान: भाजपा IT सेल के इंचार्ज का गहलोत पर निशाना- सिर्फ होनी को टालने की कोशिश कर रहे हैं
नई दिल्ली- राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे ने अपने समर्थन में 107 विधायकों के होने का दावा तो किया है, लेकिन जिस तरह से सीएम आवास पर बैठक के बाद उन सभी विधायकों को तीन बसों में भरकर जयपुर के एक होटल में भेजा गया है, उसके बाद बीजेपी गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है। अशोक गहलोत के खिलाफ बीजीपी आईटी सेल के नेशनल इंचार्ज अमित मालवीय ने मोर्चा खोला है। उन्होंने ट्वीट करके दावा किया है कि अगर अशोक गहलोत के पास बहुमत है तो वह विधायकों को छिपा क्यों रहे हैं। इसका मतलब की उनके पास बहुमत के लायक संख्या नहीं और वो सिर्फ होनी को टालने की कोशिश कर रहे हैं।
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अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा है कि, 'किस स्थिति में अशोक गहलोत को निश्चित रूप से तुरंत फ्लोर टेस्ट करवाना होगा, बहुमत साबित करना होगा, राजस्थान को ड्रामा से बचाना होगा और शासन का कामकाज शुरू करना होगा। लेकिन, अगर वे अपने विधायकों को रिजॉर्ट में छिपा रहे हैं, इसका स्पष्ट रूप से ये मतलब है कि उनके पास संख्या नहीं है और सिर्फ होनी को टालने की कोशिश कर रहे हैं।'
दरअसल, आज जयपुर में सीएम आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें कुल 107 विधायक के शामिल होने का दावा किया गया। ये दावा मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर की ओर से किया गया, लेकिन इसमें साफ नहीं किया गया कि इसमें कितने कांग्रेस के और कितने सहयोगी दलों के विधायक थे। क्योंकि, खबरें हैं कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थक कई विधायक इस बैठक में शामिल ही नहीं हुए। ऐसे में भाजपा ने यही सवाल उठाया है कि अगर मुख्यमंत्री को सदन में बहुमत के लिए 101 विधायकों की दरकार है और उन्हें 107 विधायकों का समर्थन हासिल है तो वह विधायकों किससे छिपा रहे हैं। बता दें कि इससे पहले पायलट खेमे की ओर से दावा किया जा रहा था कि उनके पास 30 से ज्यादा कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। वैसे पायलट की नाराजगी से पहले तक कांग्रेस और उसके समर्थक दलों के विधायकों मिलाकर उसकी कुल संख्या 125 थी।
In which case, Ashok Gehlot must immediately call for a floor test, prove his majority, save Rajasthan the drama and get on with the business of governance.
But if he is herding his MLAs to a resort, then clearly he doesn’t have the numbers and is merely delaying the inevitable. https://t.co/ltLNkLFBkn
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 13, 2020