घोषणा पत्र: चार ऐलान जो तय करेंगे राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी की जीत-हार
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के लिए कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को घोषणा पत्र जारी कर दिया। यूं तो कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में 400 से ज्यादा घोषणाएं की हैं, लेकिन इन सभी वादों में सबसे बड़ा ऐलान है किसानों का कर्ज माफी का। कांग्रेस पार्टी ने जन घोषणा पत्र में वादा किया है कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर वह कर्ज माफ कर देगी। कांग्रेस का यह घोषणा पत्र बीजेपी का संकल्प पत्र जारी होने के तीन दिन बाद सामने आया है। बीजेपी ने भी संकल्प पत्र में कई बड़े ऐलान किए हैं, इनमें बेरोजगारी भत्ता और 50 लाख रोजगार सबसे अहम हैं। साथ ही किसानों की कर्जमाफी के कांग्रेस के दांव को काउंटर करने के लिए बीजेपी ग्रामीण स्टार्ट अप फंड लेकर सामने आई है। मतलब दोनों ही दलों की ओर से घोषणा पत्र में एक से बढ़कर एक दावे किए गए हैं। बेरोजगारी भत्ता, महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, जॉब्स, किसानों की कर्जमाफी जैसे मुद्दे दोनों दलों के घोषणा पत्र में सबसे ज्यादा प्राथमिकता वाले वादे हैं। राजस्थान की चुनावी बिसात पर सियासत इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमने वाली है।
कांग्रेस का सबसे बड़ा वचन है- किसानों की कर्जमाफी
कांग्रेस के लिए किसानों की कर्जमाफी बेहद सफल दांव रहा है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इसे अपना कोर मुद्दा मानते हैं और करीब-करीब हर चुनावी रैली में इसका जिक्र भी करते हैं। पंजाब और कर्नाटक में कांग्रेस कर्जमाफी के सहारे सत्ता हासिल कर चुकी है। अब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी कांग्रेस ने अपना सबसे बड़ा दांव चल दिया है। कांग्रेस ने राजस्थान के जन घोषणा पत्र में सरकार बनने के 10 दिन के भीतर कर्जमाफी का ऐलान किया है। दूसरी ओर भाजपा ने कर्जमाफी का वादा नहीं किया। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में कृषि केन्द्रित ग्रामीण स्टार्ट-अप फंड बनाने का दावा किया है। यह फंड करीब 250 करोड़ का होगा।
कांग्रेस की तुलना में डेढ़ हजार ज्यादा बेरोजगारी भत्ता देगी बीजेपी
राजस्थान चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों के घोषण पत्र में दूसरा सबसे बड़ा दांव है- बेरोजगारी भत्ता। कांग्रेस ने सत्ता में आने वाले बेरोजगार युवाओं को साढ़े तीन हजार रुपए भत्ता देने का वादा किया है, जबकि भाजपा ने 5000 रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है। साथ भाजपा ने सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में 50 लाख जॉब्स क्रिएट करने का भी वादा किया है। यहां बीजेपी कम से कम वादे के मामले में कांग्रेस से आगे नजर आती है, लेकिन कांग्रेस नेता इसकी काट में तर्क दे रहे हैं कि बीजेपी ने तो 15 लाख देने का भी वादा किया था, लेकिन आज तक पैसा अकाउंट में नहीं आया। देखना होगा जनता किसके वादे को ज्यादा भरोसेमंद मानती है।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में कृषि उपकरणों को जीएसटी से बाहर रखने का ऐलान
राजस्थान
में
और
कई
लुभावनी
चुनावी
घोषणाएं
की
गई
हैं,
लेकिन
यहां
दोनों
दल
करीब-करीब
आसपास
ही
नजर
आते
हैं।
जैसे
कांग्रेस
ने
24x7
वुमन
हेल्प
लाइन
कॉल
सेंटर
बनाने
का
वादा
किया
है,
जिसमें
सिर्फ
महिलाएं
काम
करेंगी।
वहीं,
बीजेपी
ने
महिला
पोर्टल
लाने
का
संकल्प
लिया
है।
कांग्रेस
ने
अभ्यर्थियों
को
परीक्षा
के
लिए
जाने
पर
किराया
फ्री
करने
का
ऐलान
किया
है
तो
भाजपा
ने
डिस्काउंट
वाउचर
देने
की
बात
कही
है।
हालांकि,
कांग्रेस
एक
घोषणा
और
की
है,
जिसमें
वह
भाजपा
से
थोड़ी
आगे
निकलती
दिख
रही
है।
कांग्रेस
ने
सभी
कृषि
उपकरणों
को
जीएसटी
के
दायरे
से
बाहर
रखने
की
बात
कही
है।
वहीं,
बीजेपी
के
संकल्प
पत्र
में
लघु
एंव
सीमान्त
किसानों
को
कृषि
के
लिए
मशीनरी
और
उपकरण
उपलब्ध
कराने
के
उद्देश्य
से
कस्टम
हायरिंग
योजना
का
विस्तार
करने
की
बात
कही
है।