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अलवर: घायल रकबर को अस्पताल ले जाने के बजाय गाय की देखरेख में लगी थी पुलिस, रास्ते में रुककर चाय भी पी

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जयपुर: राजस्थान के अलवर में शुक्रवार को गो तस्करी के शक में गोरक्षकों की भीड़ ने रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस घटना के दौरान रकबर का दोस्त असलम भी उसके साथ था। भीड़ ने असलम को घेरकर पीटना शुरु किया लेकिन वो किसी तरह से भागने में सफल रहा था। वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस भीड़ से बचाकर रकबर को लेकर अस्पताल गई जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने अलवर के 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन इस दौरान पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगा है।

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पुलिस पर घायल को देरी से अस्पताल ले जाने का आरोप

पुलिस पर घायल को देरी से अस्पताल ले जाने का आरोप

पुलिस पर घायल को देरी से अस्पताल ले जाने का आरोप लगा है। पुलिस पर लगे इन गंभीर आरोपों के बाद मामले की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंप दी गई है। एनडीटीवी की खबर के अनुसार, रकबर को भीड़ से छुड़ाकर काफी देर बाद अस्पताल ले जाने के पहलूओं की भी जांच की जाएगी। एफआईआर से पता चला है कि पुलिस को घटना के बारे में 12.41 बजे कॉल आया और वे 1.15 या 1.20 बजे करीब पहुंचे थे। जबकि पुलिस के साथ गए नव‍ल किशोर के अनुसार, घायल के शरीर को पुलिसवालों ने धोया क्‍योंकि वह कीचड़ से सना था, उसके बाद नवल किशोर के घर से उन्‍होंने गाड़ी का इंतजाम किया ताकि गायों को स्‍थानीय गौशाला ले जाया जा सके।

पुलिस ने रास्ते में रुककर चाय भी पी

पुलिस ने रास्ते में रुककर चाय भी पी

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला ने बताया कि एक पुलिसकर्मी गाड़ी के अंदर उस व्‍यक्ति को पीट रहा था और गालियां दे रहा था और तब वह जीवित था। पुलिस ने रास्ते में रुककर चाय भी पी थी। जबकि इस बीच घायल दर्द से कराहता रहा लेकिन काफी देर पुलिस उसे अस्पताल के गई। करीब 4 शाम 4 बजे पुलिस रकबर को लेकर अस्पताल पहुंची। एक डॉक्टर ने बताया कि रकबर की मौत पहले ही हो चुकी थी। उसके बाद सारी औपचारिकता पूरी की गई।

पुलिस पर घायल की पिटाई करने का भी आरोप

पुलिस पर घायल की पिटाई करने का भी आरोप

पुलिस की लापरवाही पर वरिष्ठ अधिकारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि मामले का संज्ञान लिया जा रहा है और इसकी जांच की जाएगी कि पुलिस ने घायल को अस्पताल ले जाने में देरी क्यों की। बता दें अप्रैल, 2017 में भी इसी तरह से 55 वर्षीय पहलू खान की हत्या कर दी गई थी जब वो 2 गायों को मेले से खरीदकर ला रहे थे। जबकि ग्यानदेव आहुजा ने भी कहा कि भीड़ द्वारा पिटाई से नहीं, बल्कि पुलिस कस्टडी में अकबर की मौत हुई।

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English summary
rajasthan: alwar mob lynching police stopped for tea before taking victim to the hospital
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