जीका वायरस के खतरे को देखते हुए जयपुर में 324 स्वास्थ्य टीमें तैनात
नई दिल्ली। राजस्थान में लगातार जीका वायरस का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। अबतक कुल 67 ब्लड सैंपल और यूरिन सैंपल इकट्ठा किए गए हैं जिसमे से से 58 मरीज जीका वायरस से ग्रसित पाए गए हैं। इसमे 55 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। इन तमाम घरों में जहां जीका वायरस से प्रभावित मरीज पाए गए हैं वहां आईआरएस कराया गया है। मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक का छिड़काव कराया गया है। जयपुर के शास्त्री नगर में सबसे अधिक मरीज पाए गए हैं, जहां पर फॉगिंग कराई गई है।
राजस्थान में कुल 324 स्वास्थ्य टीमों को जीका वायरस से प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। कुल 11135 घरों के सर्वे कराया गया है जिसमे से 1509 घर ऐसे पाए गए हैं जहां पर मच्छरों के जन्म लेने को काफी मुफीद पाया गया है। इन तमाम घरों में 353 मरीजों को बुखार है। सबसे अधिक जीका वायरस के मरीज शास्त्री नगर में पाए गए हैं, लिहाजा प्रशासन यहां पर अतिरिक्त ऐहतियात बरत रहा है और मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करा रहा है।
अब तक जीका से संक्रमित लोगों की संख्या 100 पहुंच गई है। इसे देखते हुए केंद्र ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक टीम को वेक्टर नियंत्रण उपायों को तेज करने के लिए राजस्थान भेजा है। राजस्थान में जीका वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की एक टीम भेजी है। स्वास्थय मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आईसीएमआर के विशेषज्ञों की एक टीम इंटीग्रेटेड मॉस्कीटो मैनेजमेंट प्रोग्राम के हिस्से के रूप में जीका, डेंगू और चिकनगुनिया वायरस फैलाने वाले मच्छरों को मारने के लिए शहर में उपयोग की जाने वाली कीटनाशकों को बदलने के लिए जयपुर पहुंच गई है।
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