कांग्रेस-एनसीपी का साथ नहीं मिलने के बाद भी राज ठाकरे बदलेंगे चुनावी समीकरण
नई दिल्ली। महाराष्ट्र् नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे में 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले 2011 में गुजरात के दौरे पर गए थे। खुद नरेंद्र मोदी ने उन्हें गुजरात आने का न्योता दिया था। नौ दिन के गुजरात दौरे के बाद ठाकरे ने कहा था कि गुजरात जबरदस्त है। उन्होंने उस वक्त कहा था कि आप लोग नरेंद्र मोदी को बतौर नेता पाकर सौभाग्यशाली हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद राज ठाकरे के तेवर भाजपा के लिए पूरी तरह से बदल गए हैं और अब वह भाजपा के खिलाफ ही गुजरात में रैली कर रहे हैं।
पीएम मोदी की हिटलर से तुलना
शुक्रवार को नांदेड़ में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हिटलर भारत के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा था। गौर करने वाली बात है कि भाजपा और शिवसेना के बीच तनातनी के बाद भी ठाकरे और मोदी के बीच अच्छे व्यक्तिगत संबंध थे। पिछले कुछ समय की बात करें तो मनसे अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, ऐसे में राज ठाकरे के बयान को सुर्खियों में बने रहने के लिए दिया गया बयान माना जा रहा है।
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गठबंधन में नहीं मिली जगह
महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन है। एनसीपी नेता शरद पवार चाहते थे कि इस गठबंधन में राज ठाकरे को भी शामिल किया जाए, लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हुई। लेकिन माना जा रहा है कि अब राज ठाकरे नई रणनीति के तहत कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के लिए रैली करेंगे। पिछले महीने राज ठाकरे ने कहा था कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मोदी, शाह और भाजपा के खिलाफ प्रचार करने के लिए कहा था। उन्होंने पुलवामा, कश्मीर, नौकरी आतंकवाद को लेकर सरकार पर सवाल खड़ा किया था।
विधानसभा चुनाव है लक्ष्य
मनसे के नेता का कहना है कि पार्टी के मुखिया जो सवाल खड़ा कर रहे हैं वह लोगों को सोचने के लिए मजबूर करेगा। मनसे का मुंबई, थाणे, नासिक में काफी अच्छा प्रभाव है, यहां 2009 में पार्टी ने 13 सीटें जीती थी। पार्टी को इस बात का विश्वास है कि इस तरह के प्रचार से आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी का लाभ मिलेगा। ठाकरे ने पहले ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से कह दिया है कि वह विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में जुट जाएं।