सोनिया गांधी और राज ठाकरे की बैठक से सियासी सरगर्मियां तेज
नई दिल्ली: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना चीफ राज ठाकरे और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच सोमवार को हुई मुलाकात ने सबको चौंका दिया था। महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं को नहीं बल्कि मनसे के नेताओं को भी इस मुलाकात की जानकारी नहीं थी। गौरतलब है कि राज ठाकरे 14 साल बाद दिल्ली आए थे। एनसीपी ने भी कहा कि उन्हें इस बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनकी इस मुलाकात के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
सोनिया-राज ठाकरे की मुलाकात से चर्चाएं तेज
मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने कहा कि उन्हें सोनिया गांधी से राज ठाकरे की होने वाली बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनसे जब ये पूछा गया कि क्या क्या ठाकरे ने मुलाकात के लिए पहले से कोई अपॉइंटमेंट लिया था। तो उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई जानकारी नहीं है, लेकिन हाँ, उन्होंने पहले से नियुक्ति ले ली होगी। उनकी सोनिया से बैठक ने सभी मनसे नेताओं को आश्चर्यचकित कर दिया है। गौरतलब है कि राज ठाकरे ने चुनाव आयोग से दिल्ली में मुलाकात की। उन्होंने चुनाव आयोग को एक पत्र सौंपकर साल के आखिरी में होने वाले महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की।
सोनिया-राहुल की बैठक के पीछे कौन
मनसे और एनसीपी नेताओं की तरह कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि उन्हें इस बैठक की जानकारी मीडिया से मिली। सियासी गलियारों में चर्चा है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सोनिया गांधी के करीबी अहम पटेल ने दोनों नेताओं की मुलाकात कराई। राजनीतिक विश्लेषक अभय देशपांडे ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर शरद पवार नहीं तो अहमद पटेल दोनों नेताओं को साथ लाएं हैं। । राज ठाकरे के बेटे अमित की शादी मुंबई में जनवरी में हुई थी और इस शादी में अहमद पटेल शरीक हुए थे। एनसपीपी प्रवक्ता नवाब मलिक का कहना है कि इस बैठक को संपन्न कराने में उनकी पार्टी की भूमिका के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
मुलाकात से चर्चा तेज
दोनो नेताओं की मुलाकात ने इन अफवाहों को तेज कर दिया है क्या महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन मनसे को अपने साथ लाने को तैयार हैं। हाल में संपंन्न लोकसभा चुनाव में एनसीपी मनसे के साथ गठबंधन करने के पक्ष में था। दोनों नेताओं के बीच बैठक ने यह भी कयास लगाए कि क्या कांग्रेस-राकांपा गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव के लिए MNS को बोर्ड में शामिल करने के लिए तैयार है। लोकसभा चुनाव के दौरान, NCP MNS के साथ गठबंधन करने के पक्ष में था। हालांकि, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने मनसे के साथ वैचारिक मतभेदों पर चिंता व्यक्त की। राज ठाकरे ने लोकसभा चुनाव में मोदी-शाह के खिलाफ कई रैलियों की थीं। वहीं कांग्रेस के नेता सुशील कुमार शिंदे ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
ये भी पढ़ें- मोदी कैबिनेट ने POCSO एक्ट 2012 में संशोधन को दी मंजूरी, बिल में मौत की सजा का प्रावधान