क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

एवरेस्ट पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा को रेलवे देगा मुआवज़ा

अरुणिमा सिन्हा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने वाली दुनिया की पहली विकलांग महिला हैं.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
अरुणिमा सिन्हा
Getty Images
अरुणिमा सिन्हा

मशहूर खिलाड़ी और पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा ने सात साल की लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद भारतीय रेलवे से मुआवज़ा पाने का हक़ हासिल कर लिया है.

अरुणिमा सिन्हा के वक़ील जानकी शरण पांडेय ने बताया कि रेलवे क्लेम्स ट्राइब्यूनल की लखनऊ बेंच ने रेलवे को 720,000 रुपये मुआवज़ा देने का आदेश दिया है.

उन्हें मुआवज़ा राशि पर एक जनवरी 2017 से छह प्रतिशत की दर से ब्याज भी दिया होगा.

याद दिला दें कि वॉलीबाल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा 11 अप्रैल 2011 को पद्मावती एक्सप्रेस ट्रेन से लखनऊ से दिल्ली जा रही थीं.

रास्ते में धनेती स्टेशन के पास लुटेरों ने उन्हें बुरी तरह से मारपीट कर ट्रेन से नीचे धक्का दे दिया था. जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं थीं.

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस में इलाज के दौरान उनका बायां पैर काटना पड़ा था.

....जिन्होंने कृत्रिम पैर से एवरेस्ट फ़तह किया

'मैंने अपने कटे पैर को अपनी ताकत बनाया'

अरु
Getty Images
अरु

माउंट एवरेस्ट चोटी

लेकिन इसके बावजूद अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के चलते उन्होंने माउंट एवरेस्ट चोटी पर चढ़ने में कामयाबी हासिल की.

मुक़दमे के दौरान पहले तो रेलवे ने उन्हें रेल यात्री नहीं माना और फिर यह कहा कि वह अपनी लापरवाही से दुर्घटना की शिकार हुईं , इसलिए मुआवज़े की हक़दार नहीं हैं.

वक़ील जानकी शरण पांडेय के अनुसार अरुणिमा टिकट लेकर यात्रा कर रही थीं और इस दौरान उन्हें लुटेरों ने ट्रेन धक्का दे दिया.

यह दोनों तथ्य प्रमाणित होने के बाद ट्राइब्यूनल ने उन्हें क्षतिपूर्ति पाने का हक़दार पाया है.

अरुणिमा सिन्हा
Getty Images
अरुणिमा सिन्हा

कौन हैं अरुणिमा सिन्हा

अरुणिमा सिन्हा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने वाली दुनिया की पहली विकलांग महिला हैं.

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर की निवासी अरुणिमा वॉलीबॉल की राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी हैं.

उनके एवरेस्ट अभियान को टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन ने प्रायोजित किया था. फाउंडेशन ने अभियान के आयोजन और मार्गदर्शन के लिए 2012 में एशियन ट्रेकिंग कंपनी से संपर्क किया था. एशियन ट्रेकिंग कंपनी ने 2012 के वसंत के पर्वतारोहण मौसम में उन्हें नेपाल के आइलैंड चोटी पर प्रशिक्षण दिया.

पहले उनके गाइड उनकी धीमी रफ़्तार को लेकर चिंतित थे. आखिरकार अरुणिमा का दल 8,750 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचा, जहां से पर्वतारोही चोटी के लिए निकलते हैं. 52 दिन के अभियान के बाद आखिरकार 21 मई की सुबह 10.55 मिनट पर 26 वर्षीय अरुणिमा के कृत्रिम पैर एवरेस्ट की चोटी पर पड़े.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Railways will pay compensation to Everest climbers Arunima Sinha
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X