बड़े पैमाने पर डेटा और 'इंटेलिजेंस' से आपके सफर को सेफ बनाएगा रेलवे
नई दिल्ली। इंडियन रेलवे ने सुरक्षा के मद्देनजर सिग्नल फेल होने की घटना को कम करने के लिए नए तरीकों से निपटने की तैयारी कर ली है। रेलवे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर सिग्नल फेल होने की आशंकाओं को कम करने में जुटी है। ट्रेन के सही वक्त पर पहुंचने और दुर्घटना से पहले सतर्क करने के लिए आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी। इससे पहले रेलवे ने ट्रेन चालकों को कोहरे में क्रॉसिंग और सिग्नल की जानकारी के लिए ऐंटी फॉग डिवाइस के इस्तेमाल करने की बात कही थी।
इस सिस्टम से दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा
वर्तमान में रेलवे मैनुअल मेंटेनेंस सिस्टम का उपयोग करती है, जो कि एक प्रकार का फिक्स मेथड है, लेकिन इस तकनीक के द्वारा पहले से ही सिग्नल का अनुमान लगाया जा सकेगा और दुर्घटनाओं से भी बचा जा सकेगा। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि वे अब इस नई तकनीक के जरिए रिमोट कंडीशनिंग और मॉनिटरिंग का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें सेंसर्स होंगे। इससे सिग्नल्स, ट्रैक सर्किट्स, एक्सेल काउंटर्स, इंटरलॉकिंग सब-सिस्टम्स, पावर सप्लाई सिस्टम, टाइमर्स आदि की सेंसर्स के जरिए लगातार मॉनिटिरिंग की जा सकेगी।
सिस्टम से आगे की जानकारी का पहले से पता चल सकेगा
इसके अलाव इस सिस्टम से ये निश्चित हो सकेगा कि पूर्व निर्धारित इंटरवल्स पर जानकारी को इकट्ठा किया जाए और एक सेंट्रल लोकेशन पर भेजा जाए। रेलवे के अनुसार, इस सिस्टम से किसी भी प्रकार की खामी या समस्या के बारे में पहले ही सही वक्त पर पता लगा लिया जाएगा। जिससे ट्रेन के लेट होने और दुर्घटना होने की संभावनाएं भी कम होगी।
पहले ट्रायल बेस पर होगा शुरू
देश में ज्यादातर रेल दुर्घटनाएं सिग्नल फेलियर के वजह से होती है। इस सिस्टम के तहत मोबाइल के 3G और 4G हाई स्पीड के वायरलेस मीडियम से डाटा ट्रांसफर का आंकलने किया जाएगा और इसी इनपुट का उपयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से जरिए किया जाएगा। रेलवे सबसे इसका प्रयोग वेस्टर्न और साउथ-वेस्टर्न रेलवे ट्रैक पर ट्रायल बेस पर शुरू करेगी, उसके बाद फीडबैक को देखते हुए इस प्रोजेक्ट को धीरे-धीरे अन्य सेक्शन में भी बढाया जाएगा।