इंडिगो एयरलाइंस ने बढ़ाया वेब चेक इन चार्ज तो रेलवे ने इस अंदाज में ली चुटकी
नई दिल्ली। वेब चेक इन चार्ज बढ़ाए जाने की इंडिगो एयरलाइंस की घोषणा पर भारतीय रेलवे ने चुटकी ली है। रेल मंत्रालय ने सोमवार को ट्वीट कर कहा, 'उड़ान पर वेब चेक इन के लिए शुल्क क्यों... जबकि आप गंतव्य तक पहुंचने के लिए ट्रेन ले सकते हैं।' रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, 'वेब चेक इन के लिए अतिरिक्त शुल्क देने की जरूरत नहीं है। सामान की जांच के लिए लंबी कतार लगाने की भी जरूरत नहीं है। गैरजरूरी शुल्क से बचें और किफायती दरों में अपने अच्छे और पुराने साथी भारतीय रेलवे के साथ यात्रा करें।'
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रविवार को इंडिगो ने किया था वेब चेक इन चार्ज बढ़ाने का ऐलान
इंडिगो एयरलाइंस सबसे सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराने के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि नई पॉलिसी के ऐलान के साथ ही इंडिगो की आलोचना शुरू हो गई। नई पॉलिसी में कहा गया कि पहली कतार की सीट के लिए 800 रुपए अतिरिक्त देने होंगे। वहीं, इमरजेंसी गेट के पीछे वाली 12वीं पंक्ति की सीट के लिए 600 रुपए एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा। इसी प्रकार से आखिरी लाइन की बीच वाली सीट के लिए 100 रुपए चुकाने होंगे। चार्ज बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद चौतरफा आलोचना शुरू होने के बाद इंडिगो की ओर से सफाई भी दी गई।
इंडिगो ने दी सफाई, मंत्रालय ने कही समीक्षा की बात
इंडिगो एयरलाइंस की ओर से जारी की गई सफाई में कहा गया कि वेब चेक इन के दौरान पसंदीदा सीट चुनने पर मिनिमम 100 रुपए चार्ज देना होगा। इसके अलावा कुछ सीटों का चयन मुफ्त रहेगा। अगर यात्री बुकिंग के दौरान एडवांस सीट सेलेक्शन नहीं करता और अतिरिक्त चार्ज नहीं देना चाहता तो वेब चेक इन के दौरान वह उपलब्ध फ्री सीट चुन सकता है। चेक इन करते के बाद उसे वही सीट दे दी जाएगी। हालांकि, इस सफाई में भी बड़ी सफाई के साथ बढ़े शुल्क की बात को घुमा दिया गया। बहरहाल, इंडिगो के फैसले पर उड्डयन मंत्रालय की ओर से भी बयान जारी किया गया है। मंत्रालय ने सोमवार सुबह ट्वीट किया, 'हम एयरलाइंस द्वारा इस तरह का चार्ज लगाने की समीक्षा कर रहे हैं।'
क्या होता वेब चेक इन
वेब चेक इन में यात्रियों को विभिन्न एयरलाइंस की वेबसाइट पर सीट लेने की सुविधा मिलती है। इससे यात्री एयरपोर्ट पर लंबी लाइन से बच जाते हैं। यात्रियों को केवल बोर्डिंग पास का प्रिंट लेना होता है। वेब चेक इन से एयरपोर्ट पर लंबी लाइनें काफी हद तक कम हो गईं।