भारतीय रेलवे ने खोला रोजगार का पिटारा, प्रवासी कामगारों को 125 दिनों के अंदर 8 लाख दिन का काम
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण देश में लाखों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। लॉकडाउन के कारण अपने घरों को वापस लौटे मजदूरों को काम देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को पचास हजार करोड़ की लागत वाले पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शुभारंभ किया था। इस अभियान के तहत रेलवे ने बुधवार को कहा है कि वह 31 अक्टूबर तक अगले 125 दिनों के अंदर 1,800 करोड़ रूपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में प्रवासी मजूदरों व अन्य जरूरतमंदों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये आठ लाख मानव दिवस सृजित करेगा।
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अगले 125 दिनों में 1,800 करोड़ की परियोजना
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को एक ट्वीट कर लिखा, 'राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने की दिशा में रेलवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 1,800 करोड़ रूपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में आठ लाख मानव दिवस सृजित करेगा। रेलवे मंत्रालय ने कहा कि यह रोजगार हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से घोषित गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत पैदा किया जाएगा। प्रवासी कामगारों को रोजगार दिलाने के मकसद इस अभियान को देश के 6 राज्यों के 116 जिलों में लागू किया गया है।
160 ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर के कामों की पहचान की गई
यह जिले उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा और झारखंड राज्यों के हैं। 20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान को लॉन्च किया था। रेलवे ने कहा कि उसने मनरेगा के तहत कराए जा सकने वाले कई कार्यों की पहचान की है। रेलवे ने बयान में कहा कि 160 ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर के कामों की पहचान की गई है, जिन्हें पूरा किया जाना है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने बुधवार को सार्वजनिक उपक्रमों के महाप्रबंधकों, संभागीय रेल प्रबंधकों और प्रबंध निदेशकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की है।
इन जगहों पर होगी काम की व्यवस्था
- रेलवे स्टेशनों को जाने वाली रोड का निर्माण
- लेवल क्रॉसिंग के लिए एप्रोच सड़कों का निर्माण और रखरखाव।
- ट्रैक के किनारे गंदे जलमार्गों, खाइयों और नालों का विकास और सफाई।
- रेलवे स्टेशनों के लिए एप्रोच रोड का निर्माण और रखरखाव।
- मौजूदा रेलवे तटबंधों / कटिंगों की मरम्मत और चौड़ीकरण।
- रेलवे भूमि की चरम सीमा पर वृक्षारोपण।
- मौजूदा तटबंधों / कटिंग / पुलों का संरक्षण कार्य।
- रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर पौधे लगाने का कार्य
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