Indian Railways:रेलवे ने कुछ ट्रेनें आंशिक तौर पर रद्द कीं- कुछ डायवर्ट, सफर शुरू करने से पहले देख लें पूरी लिस्ट
नई दिल्ली- पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के मद्देनजर उत्तर रेलवे ने कई ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द कर दिया है तो कुछ ट्रेनें गंतव्य से पहले ही रुक जाएंगी। कई ट्रेनों के रूट भी बदली गई हैं। उत्तर रेलवे ने शनिवार को इसके बारे में जानकारी दी थी। इस संबंध में उत्तर रेलवे के मुख्य जन संपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने एक विज्ञपत्ति जारी की है। ये ट्रेनें मूल रूप से वे हैं, जो पंजाब जाती हैं या वहां से चलकर देश के दूसरे हिस्सों तक का सफर तय करती हैं। इसलिए यात्रियों के लिए बेहतर है कि स्टेशन जाने से पहले इस लिस्ट पर नजर डाल लें।
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आंशिक रूप से रद्द की गईं ट्रेनें-
जिन ट्रेनों की आवाजाही पर किसानों के विरोध से असर पड़ा है, वे हैं-
02715- नांदेड़-अमृतसर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन। 28 नवंबर को चली यह ट्रेन नई दिल्ली तक ही चलेगी।
02716- अमृतसर-नांदेड़ स्पेशल ट्रेन। यह ट्रेन 30 नवंबर को अमृतसर के बदले नई दिल्ली से रवाना होगी। यानि नई दिल्ली-अमृतसर-नई दिल्ली के बीच यह ट्रेन आंशिक रूप से रद्द रहेगी।
02925- बांद्रा टर्मिनस- अमृतसर एक्सप्रेस 28 नवंबर को रवाना हुई यह ट्रेन चंडीगढ़ तक ही जाएगी। यानि यह ट्रेन अमृतसर तक नहीं जाएगी।
02926- उसी तरह अमृतसर-बांद्रा टर्मिनस ट्रेन 30 नवंबर को अमृतसर के बदले चंडीगढ़ से ही रवाना होगी और अमृतसर-चंडीगढ़ के बीच आंशिक तौर पर रद्द रहेगी।
डायवर्टेड की गईं ट्रेनें-
02903- मुंबई सेंट्रल-अमृतसर एक्सप्रेस स्पेशल। 27 नवंबर को मुंबई सेंट्रल से रवाना हुई यह ट्रेन वाया ब्यास-तरनतारन होते हुए अमृतसर पहुंचेगी।
02904- अमृतसर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस। 28 नवंबर को अमृतसर से रवाना हुई यह ट्रेन वाया तरनतारन-ब्यास होते हुए आगे की यात्रा पूरी करेगी।
04650/74- अमृतसर-जयनगर स्पेशल एक्सप्रेस। 29 नवंबर को यह ट्रेन अमृतसर से चलकर वाया तरनतारन-ब्यास होते हुए जयनगर जाएगी।
04649/73- जयनगर-अमृतसर स्पेशल एक्सप्रेस जो 27 नवंबर को जयनगर से रवाना हुई, ब्यास-तरनतारन के रास्ते अमृतसर पहुंचेगी।
क्यों हो रही हैं ट्रेनें रद्द ?
गौरतलब है कि दिल्ली-हरियाणा सीमा पर अभी भारी तादाद में किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। ये किसान हाल में लागू हुए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में इस कानून के फायदे भी गिनाए हैं और बताया कि किस तरह से इससे किसानों की परेशानियां दूर हो रही हैं और वह पहले से आजाद हो रहे हैं। लेकिन, किसान इन कानूनों को खत्म किए जाने की जिद पर अड़े हुए है। इसके कारण ट्रेनें प्रभावित हुई हैं और दिल्ली से आने-जाने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तो इस विरोध के चलते दिल्ली में आवश्यक चीजों के स्टॉक पर भी असर पड़ने की आशंका जताई जाने लगी है। इससे पहले पंजाब सरकार ने 15 दिनों के लिए पंजाब में रेलवे ट्रैकों को खाली करने के लिए उन्हें राजी कर लिया था। ये लोग तकरीबन तीन महीने से पंजाब में रेलवे ट्रैक पर धरना देकर बैठे हुए थे। उधर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी शनिवार को किसानों से बातचीत के जरिए उनकी मांगों का हल निकालने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। वह केंद्र सरकार की ओर से बुराड़ी मैदान में जमा होने की अपील को भी ठुकरा चुके हैं और वहां बहुत ही कम किसान जुटे हैं। इस बीच एक किसानों के एक नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि इसके जरिए सरकार निरंकारी मैदान को शाहीन बाग बनाना चाहती है, लेकिन वह ये नहीं होने देंगे।