कुशीनगर हादसे के बाद टूटी रेलवे की नींद, हटाये जाएंगे मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग
नई दिल्ली: गुरुवार को कुशीनगर में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर स्कूल वैन के ट्रेन की चपेट में आने से 13 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को लेकर फिर से बहस शुरू हो गई है। इस हादसे के बाद रेलवे ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई और इस दौरान देशभर मेंं मानव रहित रेलवे क्रॉसिंगों को हटाने पर चर्चा की गई। कुशीनगर की इस घटना के बाद यूपी सहित अन्य राज्यों में भी इसको लेकर बहस तेज हो गई और मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग को हटाने की मांग होने लगी।
मंत्रालय के अधिकारी के अनुसार, ऐसी क्रॉसिंग पर रेल मित्र लगाने, परिवर्तित मार्ग बनाने, अंडर-ब्रिज और ओवर-ब्रिज बनाने जैसे पहलुओं पर चर्चा हुई। इन्हें हटाने की कार्य प्रगति रिपोर्ट वेबसाइट पर साझा करने की बात भी की गई है। अधिकारी ने कहा कि 11 मंडल क्षेत्रों से इन मानव रहित क्रॉसिंग को हटाने के लिए सितंबर 2018 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि अन्य 5 मंडलों के लिए ये लक्ष्य जल्द ही निर्धारित किये जाएंगे।
कुशीनगर में हुआ था दर्दनाक हादसा
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में गुरुवार को हुए रेल हादसे में 13 परिवारों के आंगन सूने हो गए। जिले के 5 गांवों में मातम पसरा हुआ है। सबकी जुबान पर सिर्फ बात है कि आखिर यह सब कैसे हो गया, क्या ईश्वर इतना बेरहम है? मौके पर जिस भी शख्स ने 13 शव एक साथ देखे वो खुद के आंसू रोक नहीं पाया। जिले के मिश्रौली गांव के अमरजीत और ग्राम प्रधान पत्नी किरण की दुनिया ही उजड़ गई है। उनके तीन मासूम बच्चे अनूप, रवि और रागिनी, गुरुवार को हुए इस हादसे में इस दुनिया से चले गये थे।