गरीब रथ में सफर करने वालों के लिए राहत की खबर, नहीं बंद होंगी ये ट्रेनें
नई दिल्ली। गरीबों और लोअर मिडिल क्लास को सस्ते में एसी की रेल यात्रा कराने वाली गरीब रथ ट्रेन पहले की तरह चलती रहेगी। शुक्रवार को भारतीय रेलवे ने साफ किया है कि गरीब रथ ट्रेन के परिचालन को रोकने का कोई प्रस्ताव नहीं है। बता दें कि, पहले यह खबर सामने आई थी कि केंद्र सरकार देश में गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनों को बंद करके इसे मेल एक्सप्रेस में बदलने योजना बना रही है। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने गरीबों के AC ट्रेनों में सफर करने का सपना साकार करने के लिए साल 2006 में गरीब रथ एक्सप्रेस की शुरुआत की थी।
मंत्रालय ने बताया बंद नहीं होंगी ट्रेनें
रेलवे मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, कि वर्तमान में रेलवे द्वारा 26 जोड़ी गरीब रथ ट्रेनें चलाई जाती हैं। गरीब रथ में 12 कोच हैं, सभी वातानुकूलित हैं। कम कीमत में एसी सुविधा प्रदान करने की वजह से ये ट्रेन काफी लोकप्रिय है। उत्तर रेलवे में कोच की कमी के कारण काठगोदाम-जम्मू (12207/08) और काठगोदाम-कानपुर(12209/10) मार्ग पर गरीब रथ की जगह अस्थाई तौर पर एक्सप्रेस ट्रेन चलाईं जा रही हैं। इसी वजह से भ्रम फैल गया था।
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गरीब रथ ट्रेन को बंद करने की कोई योजना नहीं
ये ट्रेन 4 अगस्त 2019 से गरीब रथ एक्सप्रेस के तौर पर फिर से प्रभावी होगी। गरीब रथ ट्रेन को बंद करने की कोई योजना नहीं है। बता दें कि, हाल ही में ऐसी खबरें सामने आई थीं कि, गरीब रथ ट्रेन को जल्द सुपरफास्ट ट्रेन में बदल दिया जाएगा। इसके साथ ही अब इसके कोच में भी बदलाव किए जा सकते हैं। गरीबी रथ में पहले जहां 12 कोच (एसी) होते थे, वहीं नई ट्रेन में अब 16 कोच होंगे। इसमें जनरल, स्लीपर और एसी कोच भी लगाए जाएंगे। आज रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान से साफ हो गया है कि, सरकार गरीब रथ को बंद नहीं करेगी।
2005 में हुई थी शुरू हुई थी गरीब रथ ट्रेनें
गौरतलब है कि साल 2005 में जब लालू यादव ने गरीब रथ ट्रेनें चलाने का ऐलान किया था। जिसके लिए उनकी खूब तारीफ हुई थी। क्योंकि एक आम आदमी का एसी ट्रेन में सफर करने का सपना पूरा होने वाला था। इसमें सिर्फ चेयर कार और थ्री टियर (78 सीट) वाले डिब्बे होते हैं। गरीब रथ में सफर करने वाले मुसाफिरों को कम्बल, तकिया और चादर नहीं दी जाती है। एक समय था जब ये ट्रेनें सुपर फास्ट ट्रेनों से ज्यादा प्राथमिकता वाली ट्रेन थी।
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