तो क्या कांग्रेस नेताओं को ही नहीं भा रहा राहुल गांधी का राफेल पर हमला?
नई दिल्ली। दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में राफेल डील की चर्चा पिछले कई कुछ महीनों से सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। लेकिन राज्यों की राजनीति खासकर जहां चुनाव हैं वहां ज्यादा असरदायक साबित नहीं हुए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जब भी चुनावी राज्यों में रैली करने जाते हैं राफेल पर तो बात करते है लेकिन जहां वो रैली करते हैं वहां और उस राज्य के मुद्दों के बारे में बात बहुत कम करते हैं। इसलिए अब पार्टी के नेता ये मांग कर रहे हैं कि उन्हें देश के साथ-साथ स्थानीय मुद्दों को उठाने की जरूरत है।
इन मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं स्थानीय नेता
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस के राज्य नेता राज्य में बीजेपी सरकारों के किसानों, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं और उनको उम्मीद है कि केंद्रीय नेतृत्व भी रैलियों में स्थानीय मुद्दों पर बल देगा। जहां तक कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्रों का सवाल है को पार्टी का पूरा जोर इस है कि बीजेपी की तुलना में उनके वादा ज्यादा होने चाहिए। घोषणापत्र में किए गए वादों में ऋण छूट का मुद्दा प्रमुख रूप से लगाया गया है। कांग्रेस निर्वाचन क्षेत्र के जाति समीकरणों का भी ख्याल रख रही है।
चुनाव में जातिय समीकरण का पूरा ख्याल
फिलहाल कांग्रेस उन संगठनों के साथ काम कर रही है ताकि जातिय समीकरण बने रहे। यहां तक कि उन्हें औपचारिक सभा और चाय कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित भी किया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपनी रैलियों की शुरुआत राफले को सबसे बड़ा घोटाला कहकर कर रह हैं। इसके साथ-साथ वो उद्योगपतियों के नाम का सहारा लेते हुए सरकार पर हमला बोल रहे हैं। अब जब छत्तीसगढ़ में चुनाव का पहला चरण खत्म हो गया है और मध्य प्रदेश चुनावों के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है, तो राहुल गांधी ने इन राज्यों में स्थानीय मुद्दों को महत्व देना शुरू कर दिया है।
पहले चरण के चुनाव के बाद अब कर रहे स्थानीय मुद्दों पर बात
हाल ही में उन्होंने 5 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के साथ-साथ 36 हजार करोड़ रुपये के राशन घोटालों का मुद्दा उठाया। इसके साथ-साथ उन्होंने लगभग 50 लाख बेरोजगार युवाओं और 60 हजार स्कूल शिक्षकों की भी बात की है। असल में राज्य के नेता कांग्रेस अध्यक्ष से मांग कर रहे हैं कि उन्हें स्थानीय मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए ताकि भाजपा के साथ-साथ मुख्यमंत्रियों को भी घेरा जा सके। कांग्रेस के महासचिव ने कहा कि ये स्थानीय मुद्दे विधानसभा चुनावों में अधिक प्रभाव डालते हैं क्योंकि मतदाता इन मुद्दों से अधिक प्रभावित होते हैं।