अब राहुल के निशाने पर सोनिया समर्थक नेता
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला) राहुल गांधी लंबे अंतराल के बाद प्रकट हो गए हैं। वे गुरुवार को राजधानी लौट आए । उनके वापस लौटने और कांग्रेस में फिर से एक्टिव होने की खबरों के बीच माना जा रहा है कि अब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, शीला दीक्षित और संदीप दीक्षित जैसे नेताओं के लिए संकट खड़ा हो सकता है।
इन्हें पार्टी में पैदल किया जा सकता है। ये सभी बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के पास ही रहे। सूत्रों का कहना है कि ये सोनिया गांधी के इशारों पर ही इस तरह की बयानबाजी कर रहे थे। संकेत मिल रहे थे कि कांग्रेस के अंदरूनी हालातों को लेकर सोनिया गांधी-राहुल गांधी में भी मतभेद थे।
बदलाव का वक्त नहीं
आज ही संदीप दीक्षित ने राजधानी के एक अंग्रेजी अख़बार को गिए इंटरव्यू में कहा कि ये कांग्रेस में बदलाव का वक्त नहीं है। माना जा रहा है कि उन्हें संकेत मिल गए थे कि राहुल आज लौट रहे हैं। उधर, अमरिंदर सिंह ने कहा था कि नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल का सामना करने की पर्सनेलिटी केवल सोनिया गांधी की है। उन्होंने ये भी कहा था कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने का ये सही समय नहीं है और पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथ में रहनी चाहिए।
छोड़ेंगे कांग्रेस
अमृतसर से सांसद अमरिंदर सिंह के बारे में तो यहां तक कहा जा रहा है कि अगर राहुल गांधी कांग्रेस के प्रेसिडेंट बने तो वे पार्टी छोड़ भी सकते हैं। वैसे भी उनका पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेट के चीफ से पंगा चल रहा है।
अमरिंदर, शीला दीक्षित और राजनीतिक रूप से पैदल हो चुके संदीप दीक्षित ने हाल के दौर में बयान दिए कि राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष ना बनाया जाए।
राहुल की सपोर्ट
शीला दीक्षित का राहुल से दूरियां बनाने को राजनीतिक विश्लेषक बहुत अहमियत दे रहे हैं। राहुल की सपोर्ट के चलते ही शीला लंबे समय तक दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी रहीं। अब वह ही सोनिया गांधी के पक्ष में खड़ दिख रही हैं।
कुछ समय पहले शीला दीक्षित ने कहा था कि सोनिया गांधी की लीडरशिप बहुत सफल रही है और उनके साथ कई लोगों ने सहजता से काम किया है। राहुल की नेतृत्व क्षमता अभी पूरी तरह टेस्ट नहीं हुई है और पार्टी का नेतृत्व अभी सोनिया के हाथ में ही रहना चाहिए। अब जबकि राहुल गांधी वापस आ गए हैं तो माना जा रहा है कांग्रेस में कई बड़े फैसले होंगे।