'गांधी' सरनेम के चलते 'राहुल' को नहीं मिल रहा लोन, नहीं दे रहा कोई सिम कार्ड
नई दिल्ली। 'राहुल गांधी' नाम आपने सुना होगा और जानते भी होंगे। इस नाम सुनते ही आपके सामने देस की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी की तस्वीर नजर आती होगी। राहुल गांधी देश में विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा है, लेकिन इंदौर के रहने वाले 23 साल के युवक के लिए ये नाम मुश्किल बन गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर में रहने वाले इस युवक का नाम 'राहुल गांधी' है। इस नाम के चलते उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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राहुल गांधी नाम से बढ़ी मुश्किल
'राहुल गांधी' नाम और गांधी सरनेम के चलते युवक को न तो कोई लोन देने को तैयार है और न ही कोई टेलिकॉम कंपनी उसे सिम कार्ड दे रही है। गांधी सरनेम के चलते राहुल का ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं बन पा रहा है। गांधी सरनेम के चलते राहुल का हर काम में या तो उनका मजाक उड़ाया जा रहा है या फिर उन्हें फेक आइडेंटिटी वाला व्यक्ति करार दिया जा रहा है।
नहीं मिल रहा सिम कार्ड न लोन
उसने बताया कि उसके पास पहचान के एकमात्र दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड है। जब भी वो इस आधार कार्ड को लेकर सिम कार्ड लेने जाता है उसे नाम के कारण नकली व्यक्ति मान लिया जाता है। उसे लोग शक की नजर से देखने लगते हैं और उसे सिम कार्ड देने से मना कर देते हैं। अगर वो लोगों को फोन पर बात करते हुए अपना नाम बताया है तो लोग उसका मजाक उड़ाने लगते हैं। उसे फर्जी कॉलर कर उसका फोन काट दिया जाता है। कपड़े के व्यापारी राहुल को इस नाम की वजह से काफी नुकसान और मुश्किल हो रही है। उसने बताया कि अब वो इस नाम से अब परेशान हो चुका है और इसे बदलवाना चाहता है।
कैसे पड़ा 'राहुल गांधी' नाम
उसने ये भी बताया कि कैसे उसका नाम 'राहुल गांधी' रखा गया। उसने बताया कि उसके पिता को बीएसएफ के शीर्ष अधिकारी 'गांधी' के रूप में संबोधित करते थे। 'धीरे-धीरे ये नाम उसके पिता के नाम के साथ जुड़ गया, जिसके बाद उसके पिता ने अपने बेटे का नाम भी 'राहुल मालवीय' से बदलकर 'राहुल गांधी' कर दिया। राहुल को इस गांधी सरनेम से मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। उसने कहा कि वो कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से अपना उपनाम बदलने की कोशिश कर रहा है।