पीएम मोदी के खिलाफ बोलने की वजह से पत्रकार गया जेल, राहुल गांधी ने लिखा पत्र
नई दिल्ली। मेघालय में जिस तरह के कोयला खदान में मजदूर फंस गए थे और उन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य किया गया उसपर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला था। लेकिन अब जिस तरह से इंफाल के पत्रकार किशोर चंद्र वैंगखेम को गिरफ्तार करके जेल में डाला गया उसपर राहुल गांधी ने सख्त लहजा अपनाया है। किशोर को एनएसए एक्ट के तहत गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया है, जिसे खुद राहुल गांधी ने पत्र लिखा है।
विरोध की आवाज दबाने की कोशिश
राहुल गांधी ने किशोर को लिखे पत्र में कहा है कि विरोध की आवाज को दबाने की यह एक और कोशिश है, जिसमे राज्य सरकार का दुरुपयोग किया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में हमने देखा है कि कैसे भाजपा की सरकार ने मणिपुर में लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला किया। देश को तोड़ने वाली ताकतें लगातार हिंसा का रास्ता अपना रही हैं, जो लोग सरकार पर सवाल खड़ा करते हैं और उनके गलत को लोगों के सामने लाते हैं उन्हें जेल में भेजा जा रहा है।
फांसीवादी ताकतें देश बर्बाद कर रही
राहुल ने लिखा है कि फांसीवादी ताकतें देश में भारत के विचार को बर्बाद कर रही हैं, जो भी इन ताकतों के खिलाफ आवाज उठा रहा है उसे जेल में बंद कर दिया जा रहा है। गौरतलब है कि किशोर स्थानीय न्यूज चैनल में एंकर हैं, जिन्हें एनएसए के तहत पिछले साल दिसंबर माह में एक साल के लिए जेल भेज दिया गया है। उन्होंने भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थी, जिसके बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी।
पिछले साल भेजे गए जेल में
मणिपुर सरकार के अनुसार 39 वर्षीय किशोर को पहले 27 नवंबर को हिरासत में लिया गया था जिससे कि उन्हें राज्य में कानून की स्थिति को बिगाड़ने से रोका जा सके। उन्हें उनके फेसबुक पोस्ट पर वीडियो साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस वीडियो में वह मुख्यमंत्री एन बी सिंह और पीएम मोदी की आलोचना करते हैं। इस वीडियो में पत्रकार ने सीएम को पीएम का पालतू कहा था। यही नहीं पत्रकार ने आरएसएस की भी इस पोस्ट में आलोचना की थी।
रानी लक्ष्मीबाई का किया विरोध
दरअसल प्रदेश में रानी लक्ष्मीबाई की वर्षगांठ को मनाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसके विरोध में पत्रकार ने कहा था कि झांसी की रानी का मणिपुर से कोई लेना देना नहीं है, उन्होंने सरकार को चुनौती दी थी कि उसे गिरफ्तार करके दिखाए। जिसके बाद किशोर को गिरफ्तार कर लिया गया था। सरकार के फैसले के खिलाफ किशोर के परिवार ने मणिपुर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इसे भी पढ़ें- मायावती पर आपत्तिजनक बयान देने वाली बीजेपी MLA को महिला आयोग ने भेजा नोटिस