15th अगस्त के बाद कभी भी रामलला दर्शन के लिए अयोध्या जा सकते हैं राहुल गांधी!
बेंगलुरू। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार टेंपल रन करते हुए नजर आए तो आश्चर्य मत कीजिएगा, क्योंकि सूत्रों से पता चला है कि राहुल गांधी आगामी स्वंतत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के बाद कभी भी अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या कूच करने की योजना बना चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी की अयोध्या यात्रा की योजना अंतिम मुहर लगाया जा चुका है। अब बस इसकी घोषणा कब होती है, इसका इंतजार बाकी रह गया है।
क्यों कांग्रेस को याद आए राम, जिन्होंने कभी राम के अस्तित्व पर ही उठाए थे सवाल?
राहुल गांधी के अयोध्या यात्रा की सुगबुगाहट मार्च से चल रही थी
हालांकि राहुल गांधी के अयोध्या यात्रा की सुगबुगाहट मार्च से चल रही थी, जब महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के 100 दिन पूरे होने पर उनके महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ अयोध्या यात्रा की पटकथा लिखी जा रही थी, लेकिन सारी तैयारियों पर कोरोना महामारी ने पानी डाल दिया, जिससे खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भी अपनी अयोध्या यात्रा की योजना को पोस्टपोन करना पड़ा।
सीएम उद्धव ठाकरे खुद राम मंदिर के शिलान्यास में नहीं पहुंच सके
यह अलग बात है कि सीएम उद्धव ठाकरे करीब 500 साल बाद अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि स्थल पर आयोजित शिलान्यास में भी नहीं पहुंच सके। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने राम मंदिर भूमि पूजन के ऐतिहासिक दिन पर सीएम उद्धव ठाकरे के नहीं जाने की पुष्टि करते हुए कहा था कि यूपी कैबिनेट मंत्री की मौत और तीन बीजेपी नेताओं के कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि के बाद महाराष्ट्र मुख्यमंत्री ने अयोध्या नहीं जाने का फैसला किया है।
यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी अयोध्या जा रहे है
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी अयोध्या जा रहे है। इससे पहले भी राहुल गांधी अयोध्या यात्रा पर गए थे, लेकिन वो बिना रामलला का दर्शन किए ही वापस आ गए थे। कुछ ऐसा ही उपक्रम अयोध्या गईं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी किया था और उन्होंने भी हनुमान गढ़ी तक खुद को सीमित करते हुए रामलला के दरबार में हाजिरी नहीं लगाई थी।
राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी के एकाधिकार को चुनौती देना चाहती है कांग्रेस?
अब चूंकि सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भगवान राम के जन्म स्थल पर विवाद छंट गया है और राम जन्मभूमि पर एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता खुल गया है, तो कांग्रेस के विभिन्न नेताओं की तरह राहुल गांधी भी राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी के एकाधिकार को चुनौती देने का मन बना चुके हैं। यही कारण था कि मंदिर मुद्दे से पूरी तरह से अलग-थलग पड़ी कांग्रेस में मंदिर मु्द्दे को लेकर ऊर्जावान हो गई है।
दिग्विजय सिंह ने शिलान्यास के शुभ मुहूर्त को भी अशुभ करार दे दिया
अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन में शामिल होने और शिलान्यास के दौरान कांग्रेसी नेताओं को छटपटाहट को देखा भी गया, जब दिग्विजिय सिंह से लेकर कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी से लेकर कमलनाथ राम धुन गाते हुए नजर आए थे। दिग्वजिय सिंह तो राम मंदिर भूमि पूजन से प्रधानमंत्री मोदी को अलग करने के लिए शुभ मुहूर्त को भी अशुभ करार दे दिया।
राम मंदिर मुद्दे पर BJP की संभावित फायदों में सेँधमारी चाहती है कांग्रेस
चूंकि अब अयोध्या में भव्य राममंदिर का शिला पूजन संपन्न हो चुका है और राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी को आगामी चुनावों में संभावित फायदों में सेँधमारी के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी अयोध्या राम मंदिर में अपने हिस्से की कोशिश करने से नहीं चूकना चाहते हैं। यह अलग बात है कि कांग्रेस ने कभी भगवान के अस्तित्व पर सवाले उठाते हुए कोर्ट में हलफनामा भी दे दिया था। यही नहीं, कांग्रेस राम मंदिर मुद्दे को सांप्रदायिक भी करार देना शुरू कर दिया था।
समय बदला है तो पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर बदल रहे हैं
खैर, समय बदला है तो कांग्रेसी भी बदल रहे हैं और इसकी बानगी अयोध्या में राम जन्मभूमि के शिलान्यास से पूर्व और शिलान्यास के बाद तमाम कांग्रेस नेताओं को ट्वीट और बयानों से समझा जा सकता है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यू टर्न लिया है। वर्ष 2017 गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी शिवभक्त जनेऊधारी द्तात्रेय ब्राह्मण राहुल गांधी को लोग देख चुके हैं।
राहुल गांधी पिता राजीव गांधी का नाम लेकर अपनी लकीर बड़ी कर सकते हैं
कांग्रेस ने हिंदु बहुसंख्यक वोटों के लिए काफी जतन किए और अब उनका अगला पड़ाव अयोध्या में राम मंदिर मुद्दा है, जिस पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पिता राजीव गांधी का नाम लेकर अपनी लकीर बड़ी करते दिखे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। इस राजनीतिक नूराकूश्ती में राहुल गांधी और कांग्रेस को कितना फायदा है, यह कांग्रेस अभी नहीं सोच रही है, लेकिन हथियार डालना भी नहीं चाहती हैं।
क्या राम मंदिर मु्ददे पर कांग्रेस बहुसंख्यक हिंदुओं का वोट मांग पाएगी?
कांग्रेस और राहुल गांधी अच्छी तरह से जानते हैं कि आगामी किसी भी चुनाव में राम मंदिर मु्ददे पर कांग्रेस बहुसंख्यक हिंदुओं का वोट नहीं पाएगी, लेकिन वह अलग-थलग भी नहीं दिखना चाहती है, क्योंकि सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने एक दशक से अधिक समय तक राम मंदिर मुद्दे पर नाक-कान नहीं दिया, बल्कि पौराणिक मान्यताओं को धता बताते हुए और हिंदू भावनाओं पर प्रहार करते हुए उसने राम सेतु को तोड़ने का भी प्रयास कर लिया था। यह अलग बात है कि बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी के हस्तक्षेपों से कांग्रेस इसमें सफल नहीं हो पाई।
भगवान राम के बारे में राहुल गांधी द्वारा किया गया ट्वीट काफी चर्चा में रहा
5 अगस्त, 2020 को राहुल गांधी द्वारा ट्वीटर पर भगवान राम के बारे में लिखा गया नोट्स काफी चर्चा में रहा, जिसमें उन्होंने ने लिखा, भगवान राम मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं और वह कभी घृणा एवं अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं। राम प्रेम हैं। वह कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते। ऐसा लगा जैसा राहुल गांधी ऐसा कहकर कांग्रेस की गलतियों की माफी मांग रहे हैं और उन्हें भरोसा है कि राम (वोटर) उन्हें स्वीकार कर लेंगे, क्योंकि राम घृणा नहीं करते।
राम करुणा हैं, वह कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते: राहुल गांधी
राहुल गांधी यही नहीं रूके, ऐसा लगा कि वो भाव-विह्वल से ज्यादा माफीनामे के लिए आतुर हो रहे हैं। वो आगे कहते हैं, ‘राम करुणा हैं, वह कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते। राम न्याय हैं। वह कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते। राहुल गांधी की भावनाएं जो भी रही हों, लेकिन राहुल गांधी की लेखनी में गलती की माफी के लिए शिदद्त जरूर दिखी थी। शायद इसीलिए वो कह रहे थे कि राम करुणा हैं और राम (बहुसंख्यक वोटर) कभी क्रूरता प्रकट नहीं कर सकते हैं।
रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने राहुल गांधी निमंत्रण दिया था
हालांकि रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने एक बार जरूर राहुल गांधी को अयोध्या आने का निमंत्रण दिया था और उनसे कहा था कि आकर टाट पट्टी में बैठे और रामलला के दर्शन करें और रामलला के दर्शन करने से इनके पूर्वजों के पाप नष्ट हो जाएंगे।
राहुल गांधी रामलला का दर्शन कर सच्चे हिंदू की परीक्षा पास करने जा रहे हैं
साथ ही, उन्होंने राहुल गांधी से कहा था कि उन्हें रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा था कि जब तक राहुल गांधी राम मंदिर का समर्थन नहीं करते हैं, तब तक वे एक सच्चे हिंदू नहीं हो सकते है। ऐसा लगता है राहुल गांधी रामलला का दर्शन कर सच्चा हिंदू की परीक्षा पास करने जा रहे हैं।