आर्थिक संकट पर बोले राहुल गांधी- एक महीने पहले मेरे चेताने पर भाजपा और मीडिया उड़ा रहे थे मजाक, अब सच सामने
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को देश की कमजोर होती आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल उठाए हैं। राहुल ने ट्विटर पर एक बैंकों और लोन की स्थिति पर एक लेख साझा किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बर्बाद हो गए हैं। बड़ी कंपनियां भारी तनाव के दौर में हैं। बैंक भी संकट का सामना कर रहे हैं। मैंने एक महीने पहले ही कहा था कि आर्थिक मोर्चे पर एक सुनामी आने वाली है, हमें इस संकट से बचने के लिए इस ओर ध्यान देना होगा। तब मेरे बयान पर बीजेपी नेताओं और मीडिया ने इस पर सोचने और सवाल करने की जगह मेरी हंसी उड़ाई थी।
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केरल से वायनाड से सासंद राहुल ने मंगलवार शाम को भी आर्थिक चुनौतियों को लेकर हमला बोला था। राहुल गांधी ने मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट के अनुमानों पर उन्होंने कहा कि सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन लाखों परिवारों को बबार्द करने वाला है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। देश की आर्थिक विकास दर में गिरावट के पूर्वानुमान से जुड़ी कुछ खबरें शेयर करते हुए ट्वीट किया, भारत का आर्थिक कुप्रबंधन एक त्रासदी है जो लाखों परिवारों को बर्बाद करने वाला है. इसे अब मौन रहकर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
राहुल गांधी कोरोना संकट और आर्थिक चुनौतियों को लेकर लगातार बोल रहे हैं। उन्होंने कोरोना को लेकर भी काफी पहले बोलना शुरू दिया था। वहीं काफी पहले ही उन्होंने ये भी कहा था कि अगर सरकार ने लॉकडाउन के चलते खत्म हुए कारोबार को उबारने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए तो हमें आर्थिक स्तर पर एक सुनामी का सामना करना पड़ेगा। इसी को लेकर राहुल ने अब ट्वीट किया है, ज्यादातर एजेंसियां भारत की विकास दर को काफी कम आंक रही हैं।
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