तो अब राहुल गांधी करेंगे कांग्रेस का हिन्दुकरण
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) केदारनाथ धाम की यात्रा के साथ ही राहुल गांधी कांग्रेस को उदार हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी में तब्दील करने की शुरुआत कर रहे हैं।
अगर आप इतिहास के पन्नों को पलटें तो आप पाएंगे कि आजादी के दिनों से ही कांग्रेस उदार हिंदुत्व की तरफदारी करती रही है। पार्टी में उदार हिंदुत्व को मुखर तरीके से लाने का श्रेय उनकी दादी व देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जाता है।
मंथन चालू हुआ
लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में उदारवादी हिंदुत्व को लेकर मंथन शुरू हुआ। तय हुआ कि पार्टी को अपने मूलरूप की ओर लौटना चाहिए। इसीलिए राहुल गांधी के करीब दो महीने तक उपराम रहने को दबी जबान से साधना और ध्यान के अभ्यास में बिताया गया समय कहा गया। इस कारण में भी उदार भारतीयता का ही परिचय और प्रमाण मिलता है।
जवाहरलाल नेहरू ने भी गंगा जमुना के प्रति श्रद्धा और भारत के विकास का प्रतिनिधित्व करने वाले संस्थानों को नए तीर्थ के रूप में सम्मानित किया। नेहरू समेत उस समय के तमाम नेता हिंदू परंपराओं से अच्छी तरह परिचित थे। शायद यही कारण है कि 26 नवंबर 1945 को संविधान की अंतिम प्रति में 22 चित्रों का समावेश किया, जो भारतीय इतिहास के विभिन्न कालों का परिचय कराती है।
इन चित्रों में श्रीराम, हनुमान, श्रीकृष्ण के गीता उपदेश, बुद्ध और महावीर तथा उनके उपदेश, गुरुकुल, नालंदा विश्वविद्यालय, सम्राट अकबर, शिवाजी, गरु गोविंदसिंह, टीपू सुलतान, रानी लक्ष्मीबाई, सुभाषचंद्र बोस और महात्मा गांधी आदि के चित्र सम्मिलित हैं।
वरिष्ठ लेखक ज्योतिर्मय कहते हैं कि साफ है कि सभी चित्र भारत की उदार पंरपरा का प्रतिनिधित्न करते हैं। जवाहरलाल नेहरू के भाषणों और पुस्तकों में इस उदार पंरपरा की गूंज सुनी जा सकती है।
हिंदुत्व की पारंपरिक जीवनशैली
उनकी बेटी और राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने हिंदुत्व की उदार और पारंपरिक जीवनशैली को अघोषित रूप से अपना लिया। मंदिरों में उनके जाने और गले में रुद्राक्ष की माला के अलावा मां आनंदमयी और देवरहा बाबा जैसे साधु संतों के साथ उनकी तस्वीरें उनकी पहचान का हिस्सा बन गई थी। उनके बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव ने भी इस दिशा में चलने की कोशिश की। कांग्रेस की राजनीति में संभावित बदलाव का आकलन करते हुए महसूस किया गया है कि पिछले पंद्रह सोलह सालों से कांग्रेस हिंदुत्व से दूर जाती महसूस की गई है।
छवि हिंदू विरोधी
पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने भी माना था कि पार्टी की छवि हिंदू विरोधी होती गई है। कुछ अन्य नेताओँ की राय में जैसे पार्टी के ही एक अन्य महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने भी कांग्रेस के भारतीयता से दूर होते जाने को लोकसभा चुनाव में मिली हार की एक वजह बताया था।