राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज- जो पांसा 2016 में फेंका, उसका भयानक नतीजा 2020 में सामने आया
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को एक वीडियो जारी कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार का नोटबंदी को लेकर लिया गया फैसला गलत था, जिससे देश की गरीब आबादी और असंगठित क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा है, 'मोदी जी का 'कैश-मुक्त' भारत दरअसल 'मजदूर-किसान-छोटा व्यापारी' मुक्त भारत है। जो पांसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया है।' राहुल ने कहा कि जीडीपी में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़ा है।
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वीडियो में राहुल गांधी कहते हैं, 'नोटबंदी देश के एक किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण है, नोटबंदी हिंदुस्तान की असंगठिन अर्थव्यवस्था पर आक्रमण है। 8 नवंबर, 8 बजे 2016 प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का निर्णय लिया, 500 रुपये 1000 रुपये का नोट रद्दी कर दिया, पूरा हिंदुस्तान बैंक के सामने जाकर खड़ा हो गया, अपनी आमदनी बैंक में जमा की। पहला सवाल- काला धन मिटा? नहीं। दूसरा सवाल- गरीब जनता को इससे क्या फायदा हुआ? जवाब- कुछ नहीं। तो किसे फायदा मिला, फायदा देश के सबसे बड़े अरबपतियों को मिला, कैसे... आपका पैसा आपकी जेब, घरों से निकालकर उसका प्रयोग सरकार ने इन लोगों का कर्ज माफ करने के लिए किया।'
वीडियो में राहुल गांधी आगे कहते हैं, 'वो केवल एक लक्ष्य था। दूसरा लक्ष्य था छिपा हुआ, जमीन साफ करने का। जो हमारा असंगठित अर्थव्यवस्था का क्षेत्र है, वो कैश पर चलता है। छोटा मजदूर, दुकानदार हो, किसान हो, वो कैश से काम करता है। नोटबंदी का दूसरा लक्ष्य था असंगठित क्षेत्र से कैश को निकालने का। प्रधानमंत्री ने खुद कहा कि वो कैशलेस हिंदुस्तान चाहते हैं। अगर कैशलेस हिंदुस्तान होगा तो असंगठित अर्थव्यवस्था तो खत्म हो जाएगी। तो नुकसान किसे हुआ, मजदूर को, छोटे दुकानदारों को किसानों को। जो कैश का इस्तेमाल करते हैं। नोटबंदी हिंदुस्तान के एक गरीब, किसान, छोटे दुकानदार और मजदूर पर हमला था।'
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