राहुल गांधी- NYAY स्कीम मोदी द्वारा नोटबंदी से बेहाल की गई इकॉनमी में नई जान फूंकेगी
नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूनतम आय योजना को लेकर गुरुवार को बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के जरिए इकॉनामी में दोबारा जान आएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों की वजह से देश की इकॉनामी बेहाल हो गई है। राहुल गांधी ने ये दावा न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कही। राहुल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये वादा किया था। इसके बाद राजानिक गलियारों से इसके पक्ष और विपक्ष की तरफ से अलग-अलग प्रतिक्रिया आई।
'NYAY स्कीम से इकॉनमी में जान आएगी'
लोकसभा चुनाव से पहले पीटीआई को दिए इंटरव्यू में राहुल ने कहा कि NYAY योजना से दो उद्ददेश्य प्राप्त होंगे। इस योजना से एक तरफ जहां 20 फीसदी गरीब परिवारों को 72000 रुपये मिलेंगे। वहीं दूसरी तरफ इकॉनमी में नई जान आएगी, जो जो मोदी जी की नोटबंदी के बाद बेहाल हो गई थी। उन्होंने दावा कि कांग्रेस के गरीब विरोधी कार्यक्रमों को बीजेपी ने पूरी तरह छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि साल नवंबर 2016 में नोटबंदी का फैसला आश्चर्यजनक था। उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी के जीएसटी और नोटबंदी की तरह लागू नहीं किया जाएगा।
'NYAY स्कीम जल्दबाजी में लागू नहीं होगी'
राहुल गांधी ने कहा कि हम आतुर नहीं है। हम नोटबंदी और जीएसटी की तरह बिना परामर्श किए नहीं इसे लागू नहीं करेंगे। हम इसकी अच्छे से जांच की है, इसका परीक्षण किया है और NYAYएक योजना के रूप में 'पूरी तरह से उल्लेखनीय है। उन्होंने संकेत दिया है कि इसे पहले पायलट योजना के तहत लागू किया जाएगा। ताकि इसे पूरी तरह लागू करने से पहले इसकी खामियां दूर कर दी जाएं।
लोकलुभावन योजना पर दिया ये जवाब
राहुल से ये पूछे जाने पर क्या ये लोकलुभावन योजना है, उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि ये इतनी लोकलुभावन नहीं है, जैसे इसे प्रोजेक्ट किया जा रहा है। अगर नरेंद्र मोदी 15 लोगों को 3.5 लाख करोड़ रुपये देते हैं, तो उसे लोकलुभावन नहीं माना जाता है। जब इस न्यूनतम आय योजना का उद्देश्य गरीबों को लाभ पहुंचाना है, तो ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। क्या सरकार की योजनाओं से पीएम मोदी के कुछ दोस्तों को ही फायदा मिलेगा? मैं इंसाफ की बात कर रहा हूं। देश के गरीब लोगों के लिए न्याय, इसमें लोकलुभावन जैसा कुछ भी नहीं है।'