राहुल गांधी ने कहा- संकट में लघु उद्योगों को पैसा नहीं देना अपराध, बंद होने की कगार पर एक तिहाई इंडस्ट्री
नई दिल्ली। कोरोना वायरस और देशव्यापी लॉकडाउन ने भारतीय उद्योग की कमर तोड़ दी है। एक सर्वे के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रभावित छोटे और मध्यम उद्योग हैं, महामारी के चलते अब तीन में से एक कोरोबार बंद होने की कगार पर आ गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अब इसी सर्वे का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर निशना साधा है। मंगलवार को एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि भारत में 11 करोड़ भारतीय लघु और मध्यम उद्योग एमएसएमई द्वारा नियोजित हैं, उनमें से एक तिहाई स्थायी रूप से बंद हो रहे हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च से ही लॉकडाउन लागू है। पिछले 2 महीने से अधिक समय से देशबंदी ने लघु, कुटीर एवं मध्यम उद्योगों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईएमओ) के एक सर्वे के मुताबित देश के एक तिहाई छोटे उद्योग अब बंद होने की कगार पर हैं। एआईएमओ ने एक साथ नौ अन्य उद्योग निकायों के साथ यह सर्वे कराया था जिसमें यह दावा किया गया कि अब अनलॉक 1 में स्व-नियोजित छोटे और मध्यम उद्योगों में वापसी का कोई आधार नजर नहीं आता।
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एआईएमओ की इस रिपोर्ट को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट पर इंडियन एक्सप्रेस की खबर के साझा करते हुए कैप्शन में लिखा, भारत में 11 करोड़ भारतीय लघु और मध्यम उद्योग एमएसएमई द्वारा नियोजित हैं, उनमें से एक तिहाई स्थायी रूप से बंद हो रहे हैं। यह अपराध होगा अगर भारत सरकार ने उन्हें तुरंत आर्थिक सहायता नहीं दी तो। बता दें कि राहुल गांधी कई बार कोरोना वायरस को लेकर सरकार की नीतियों पर भी सवाल खड़ा करते रहे हैं। उन्होंने प्रवासी मजदूरों के लिए सीधे उनके खाते में 7500 रुपये डालने की भी मांग की थी।
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