RSS से लड़ने और लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी- सोनिया गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पहली बार राहुल गांधी सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्यकारिणी समिति) की मीटिंग कर रहे हैं। संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद रविवार को दिल्ली में कांग्रेस हेडक्ववार्टर में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2019 लोक सभा चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा हो रही है। इस मीटिंग में सभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी नेता मौजूद है।
कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि आरएसएस का मुकाबला करने के लिए विपक्ष को अपनी निजी महत्वकाक्षाओं को भूलाकर साथ आना होगा।
कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक में पी.चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस 12 राज्यों में मजबूत स्थिति में है और वे वहां 150 सीटें ला सकते हैं। बाकी राज्यों में उन्हें क्षेत्रीय दलों से गठबंधन करना होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पिछले सप्ताह ही राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी में कई बड़े बदलाव करते हुए दिग्विजय सिंह, जनार्दन द्विवेदी, कमलनाथ, सुशील कुमार शिंदे और करण सिंह की कांग्रेस की सुप्रीम बॉडी से छुट्टी कर दी थी।
नई कांग्रेस कार्यकारिणी समिति में 23 सदस्य, 19 स्थायी आमंत्रित और 9 विशेष आमंत्रित शामिल हैं। राहुल गांधी के अलावा, पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सभी पूर्व कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, ओमन चांडी, तरुण गोगोई, सिद्धारामैया और हरीश रावत जैसे दिग्गज भी शामिल हुए हैं।
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सीडब्ल्यूसी में नए चेहरों में मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया,ताम्रध्वज साहू, ग्याखंगम और अशोक गहलोत शामिल है। गहलोत को हाल ही में पार्टी का जनरल सेक्रेटरी बनाया गया है। वहीं, स्थायी आमंत्रिगण में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला, बालासाहेब थोरात, तारिक हमीद कर्रा और पी सी चाको शामिल हैं।
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