सीमा विवाद: लद्दाख के दौरे पर जा सकती है संसदीय समिति, राहुल गांधी भी हैं सदस्य
नई दिल्ली: लद्दाख में पिछले 9 महीनों से तनाव बरकरार है। हाल ही में भारत-चीन के बीच एक अहम बैठक हुई थी। जिसके बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के सैनिकों ने व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है, हालांकि इस पर भी राजनीति जारी है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। अब खबर आ रही कि रक्षा मामलों की संसदीय समिति लद्दाख का दौरा कर सकती है, जिसमें राहुल गांधी, संजय राउत और शरद पवार भी शामिल हैं।
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सूत्रों के मुताबिक रक्षा मामलों की संसदीय समिति लद्दाख के दौरे पर जाना चाहती है। जिसके अध्यक्ष बीजेपी नेता जुएल ओराम हैं। खास बात ये है कि राहुल गांधी, एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना सांसद संजय राउत भी इसके सदस्य हैं। इस समिति के मई या जून के अंतिम हफ्ते में लद्दाख के दौरे पर जाने की उम्मीद है। साथ ही इसके सदस्य पैंगोंग झील और गलवान घाटी के भी जमीनी हालात को देखेंगे। सूत्रों ने बताया कि इस दौरे का फैसला समिति की पिछली बैठक में लिया गया था, लेकिन उस बैठक में राहुल गांधी मौजूद नहीं थे।
समिति
ने
अध्यक्ष
ने
कही
ये
बात
मामले
में
जुएल
ओराम
ने
कहा
कि
10
दिन
पहले
समिति
की
बैठक
हुई
थी।
कुछ
सदस्यों
ने
15
मई
के
बाद
लद्दाख
के
दौरे
का
प्रस्ताव
रखा।
जिस
पर
मैंने
इसे
सरकार
और
स्पीकर
को
भेज
दिया
है।
वहीं
राहुल
गांधी
कई
बैठकों
में
नहीं
आए।
वो
कभी-कभी
आते
हैं
और
मुद्दे
से
हटकर
बात
करते
हैं,
लेकिन
इससे
समिति
की
कार्यप्रणाली
पर
असर
नहीं
पड़ेगा।
Ladakh Dispute: राहुल पर बीजेपी का पलटवार, कहा- अपने नाना से पूछें चीन को जमीन किसने दी
मोदी
सरकार
को
कटघरे
में
किया
था
खड़ा
दरअसल
लंबी
बातचीत
के
बाद
चीन
ने
विवादित
इलाके
से
पीछे
हटने
का
फैसला
लिया
है।
साथ
ही
LAC
के
पास
उसने
सैन्य
तैनाती
को
भी
कम
करने
की
बात
कही
है।
चीन
के
हटने
के
बाद
भारतीय
सेना
भी
जवानों
की
संख्या
कम
करेगी।
इसको
लेकर
बकायदा
रक्षामंत्री
राजनाथ
सिंह
ने
संसद
में
बयान
भी
दिया
था।
जिस
पर
राहुल
गांधी
ने
कहा
कि
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
चीन
के
सामने
खड़े
नहीं
हो
पाए।
देश
की
रक्षा
करने
की
जिम्मेदारी
उनकी
थी,
जिसमें
वो
विफल
हुए
हैं।
सच्चाई
ये
है
कि
चीन
के
सामने
पीएम
मोदी
टिक
नहीं
पाए
और
देश
की
जमीन
उनको
दे
दी।
राहुल
ने
आगे
कहा
कि
प्रधानमंत्री
ने
हिंदुस्तान
की
जमीन
चीन
को
पकड़ाई
है
और
यही
सच्चाई
है।
मोदी
जी
इसका
जवाब
दें
कि
आखिर
ऐसा
क्यों
किया?
मोदी
जी
ने
चीन
के
सामने
सिर
झुका
दिया
है।