कोरोना से जूझ सेवा कर रहे जवानों, कर्मचारियों के DA में कटौती अमानवीय फैसला: राहुल गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में कटौती के मोदी सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है। राहुल ने कहा है जो कर्मचारी और जवान जोखिम उठाकर देश के लोगों की सेवा में लगे हैं उनके साथ ये बर्ताव अमानवीय है। शुक्रवार दोपहर किए ट्वीट में राहुल गांधी ने ये बातें कही हैं।
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राहुल ने ट्वीट कर लिखा- लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (DA)काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला केंद्र सरकार के इस फैसले को कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़कने जैसा कह चुके हैं।
राहुल के अलावा और भी कई संगठनों से सरकार के फैसले पर एतराज किया है। भारतीय रेल के सबसे बड़े कर्मचारी फेडरेशन- आल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने कहा है, सरकार को भत्ते पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार कर उसे फिर से बहाल करना चाहिए। सरकार का डीए को फ्रीज करने का फैसला गलत है। इससे औसतन एक रेल कर्मचारी की करीब डेढ़ महीने की सैलरी घट जाएगी। पेंशन धारियों को भी नुकसान होगा।
क्या है सरकार का फैसला
बता दें कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेन्शनरों को मिलने वाले डीयरनेस अलाउंस (डीए) में बढ़ोत्तरी को रोकने की घोषणा की है। जनवरी 2020 से डीए में बढ़ोत्तरी की जो घोषणा की गई थी, उस पर भी रोक लगा दी गई है। जुलाई में भी अब डीए में कोई इजाफा नहीं होगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारियों के डीए में डेढ़ साल तक कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी। गुरुवार को सरकार की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेन्शनरों को जुलाई 2021 तक मौजूदा दरों पर महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा, उन्हें पुराने दर पर ही महंगाई भत्ता दिया जाएगा।