राहुल गांधी से चर्चा में बोले प्रोफेसर आशीष झा- 2021 तक जारी रहेगा कोरोना का कहर
नई दिल्ली: सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। वहीं बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रोफेसर आशीष झा से बात की। इस दौरान दोनों ने भविष्य में कोरोना के हालात और वैक्सीन को लेकर चर्चा की। प्रोफेसर झा के मुताबिक वैक्सीन आने में अभी एक साल का वक्त लग जाएगा। तब तक कोरोना का कहर जारी रहेगा। प्रोफेसर झा ने ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने पर जोर दिया है।
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प्रोफेसर झा से चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि इस बीमारी के लिए हर राज्य की अपनी जिम्मेदारियां हैं। कुछ राज्य अपने डिजाइन और राजनीतिक सिस्टम की वजह से दूसरे राज्यों से बेहतर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि राज्य जितने विकेन्द्रीकृत होंगे, उतना ही अच्छा काम करेंगे। टेस्टिंग पर बोलते ही राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने कई अधिकारियों से कम टेस्टिंग के मुद्दे पर बात की है। उनका कहना था कि अगर ज्यादा टेस्टिंग करेंगे तो मामले ज्यादा आएंगे और लोगों में डर बढ़ेगा। राहुल गांधी के मुताबिक वे एक भयावह स्थिति का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने प्रोफेसर आशीष झा से पूछा कि भइया आप बताइए की वैक्सीन कब आएगी। जिस पर जवाब देते हुए प्रोफेसर झा ने कहा कि कोरोना ऐसे अचानक से नहीं चला जाएगा। ये अभी 2021 तक सभी को परेशान करेगा। उन्होंने अगले साल तक वैक्सीन बाजार में आने की उम्मीद जताई है।
To view my complete conversation with global public health experts, Prof Ashish Jha & Prof Johan Giesecke on the nature of the Covid19 virus & its global health implications, click on the link below, now: https://t.co/4WBysSnKTg
Here’s a short clip from the video. pic.twitter.com/gRygxlLuvG
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 27, 2020
'क्षमताओं
को
बढ़ाना
जरूरी'
प्रोफेसर
झा
के
मुताबिक
लॉकडाउन
से
सिर्फ
वायरस
को
धीमा
किया
जा
सकता
है।
इससे
आपको
अपनी
क्षमता
बढ़ाने
का
मौका
मिलता
है।
कोरोना
से
निपटने
के
लिए
ज्यादा
से
ज्यादा
टेस्टिंग
जरूरी
है।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
हम
लॉकडाउन
में
अपनी
क्षमताओं
को
नहीं
बढ़ाते
हैं,
तो
उससे
भविष्य
में
ज्यादा
नुकसान
होगा।
साउथ
कोरिया
और
ताइवान
जैसे
देश
ज्यादा
से
ज्यादा
टेस्टिंग
कर
रहे
हैं।
इससे
ये
पता
चल
जा
रहा
कि
किस
क्षेत्र
में
कोरोना
का
कहर
ज्यादा
है
और
किस
क्षेत्र
में
कम।
उन्होंने
स्वास्थ्य
कर्मियों
की
भी
ज्यादा
टेस्टिंग
करने
पर
जोर
दिया।