प्रवासी मजदूरों के बाद कोरोना वॉरियर्स पर घिरी मोदी सरकार, राहुल गांधी ने बोला हमला
सरकार की तरफ से कहा गया है कि उनके पास कोरोना वायरस से लड़ते हुए जान गंवाने वाले डॉक्टरों, नर्सों या मेडिकल स्टाफ का कोई आंकड़ा नहीं है।
नई दिल्ली। प्रवासी मजदूरों के बाद अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी के दौरान जान गंवाने वाले डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के मामले पर घिरती हुई नजर आ रही है। दरअसल हाल ही में सरकार की तरफ से राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा गया कि उनके पास कोरोना वायरस से लड़ते हुए जान गंवाने वाले डॉक्टरों, नर्सों या मेडिकल स्टाफ का कोई आंकड़ा नहीं है। इस मामले को लेकर अब कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।
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राहुल गांधी ने राज्यसभा में दिए गए मोदी सरकार के बयान से जुड़ी एक खबर अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए कहा, 'प्रतिकूल डाटा-मुक्त मोदी सरकार! थाली बजाने, दिया जलाने से ज्यादा जरूरी है उनकी सुरक्षा और सम्मान। मोदी सरकार, कोरोना वॉरिअर का इतना अपमान क्यों?' आपको बता दें कि इस मामले को लेकर राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा था कि स्वास्थ्य सेवाएं राज्य सरकार के अंतर्गत हैं, इसलिए केंद्र के पास इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं है।
प्रवासी
मजदूरों
को
लेकर
भी
राहुल
ने
किया
था
ट्वीट
गौरतलब
है
कि
इससे
पहले
प्रवासी
मजदूरों
के
मामले
को
लेकर
भी
राहुल
गांधी
ने
मोदी
सरकार
को
घेरा
था।
दरअसल,
एक
लिखित
सवाल
के
जवाब
में
केंद्रीय
मंत्री
संतोष
गंगवार
की
तरफ
से
कहा
गया
था
कि
सरकार
के
पास
लॉकडाउन
के
दौरान
जान
गंवाने
वाले
प्रवासी
मजदूरों
का
आंकड़ा
नहीं
है।
साथ
ही
संतोष
गंगवार
ने
कहा
कि
सरकार
के
पास
यह
आंकड़ा
भी
नहीं
है
कि
लॉ़कडाउन
में
कितने
प्रवासी
मजदूरों
का
रोजगार
छिना।
सरकार
के
इस
बयान
पर
राहुल
गांधी
ने
ट्वीट
करते
हुए
कहा,
'मोदी
सरकार
नहीं
जानती
कि
लॉकडाउन
में
कितने
प्रवासी
मजदूर
मरे
और
कितनी
नौकरियां
गईं।
तुमने
ना
गिना
तो
क्या
मौत
ना
हुई?
हां
मगर
दुख
है
सरकार
पे
असर
ना
हुई,
उनका
मरना
देखा
ज़माने
ने,
एक
मोदी
सरकार
है
जिसे
ख़बर
ना
हुई।