इस्तीफे की पेशकश के बीच फिर एक्टिव हुए राहुल गांधी, शरद पवार और कुमारस्वामी से की मुलाकात
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद से ही पार्टी में मंथन का दौर जारी है। पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार के बाद अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है, हालांकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने इसे खारिज कर दिया। हालांकि, राहुल गांधी अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस सियासी घटनाक्रम के बीच गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की है। इससे पहले राहुल गांधी गुरुवार को ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से भी मिले।
शरद पवार के आवास पर जाकर मिले राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में एनसीपी चीफ शरद पवार के आवास पर जाकर उनसे मिले हैं। माना जा रहा कि चुनाव में हार और ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए दोनों दिग्गज नेताओं की ये मुलाकात हुई है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा था। कांग्रेस पार्टी महज 52 सीटें ही जीत सकीं। वहीं शरद पवार की पार्टी एनसीपी को महज 5 सीटें आई हैं। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव में प्रदर्शन के मद्देनजर ही राहुल गांधी ने शरद पवार से मुलाकात की है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक दोनों पार्टियों की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
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कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने की राहुल गांधी से मुलाकात
वहीं शरद पवार से मुलाकात के पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी गुरुवार दिन में राहुल गांधी से मिलने के लिए पहुंचे। माना जा रहा कि कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार मजबूत और सुरक्षित रहे और गठबंधन आगे भी कायम रहे, इसको लेकर चर्चा हुई है। दरअसल, लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
राहुल गांधी के फिर सक्रिय होने से सियासी हलचल तेज
फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस तरह से गुरुवार को दो बड़े नेताओं से मुलाकात की है इससे सियासी गलियारे में हलचल तेज है। पहले एचडी कुमारस्वामी और फिर एनसीपी मुखिया शरद पवार से राहुल गांधी के मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। यह इसलिए भी अहम माना जा रहा क्योंकि कांग्रेस में तनाव भरे माहौल के बीच राहुल गुरुवार को सक्रिय दिखे। इससे पहले वह कांग्रेस के कई नेताओं से मिलने के लिए मना कर चुके थे।
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