जलियांवाला बाग हत्याकांड की 100वीं बरसी आज, राहुल गांधी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
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नई दिल्ली। देश की आजादी के इतिहास में 13 अप्रैल 1919 वो दिन है जब जलियांवाला बाग (Jallianwala Bagh) में एक शांतिपूर्ण सभा के लिए इकट्ठा हुए हजारों की संख्या में भारतीयों पर ब्रिटिश हुक्मरानों ने गोलियां बरसाई थी। आज (13 अप्रैल) जलियांवाला बाग नरसंहार की 100वीं बरसी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शनिवार को जलियांवाला बाग के स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
राहुल गांधी के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर शहीदों की याद में सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। हाल ही में इस नरसंहार पर ब्रिटिश सरकार ने अफसोस जताया था। हालांकि, इस दौरान उन्होंने एक भी बार माफी नहीं मांगी। शनिवार को भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एसक्विथ अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग के शहीद समारक पहुंचे और वहां जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
ये नरसंहार भारत के पंजाब प्रान्त के अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर के निकट जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 (बैसाखी के दिन) हुआ था। जलियांवाला बांग में रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी जिसमें अग्रेज अफसर जनरल डायर ने सभा में मौजूद भीड़ पर गोलियां चलवा दीं। जलियांवाला बाग में अंग्रेजों की गोलिंयों से बचने के लिए बहुत सी औरतें अपने बच्चों को लेकर कुएं में कूद गईं।
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जनरल डायर ने इस बाग से बाहर निकलने वाले सभी रास्तों को बंद करा दिया था। बाग से बाहर निकलने का जो रास्ता था वहां जनरल डायर ने हथियारबंद गाड़ियां खड़ी कर दीं। इस नरंसहार में हजारों लोग मारे गए और 2000 से अधिक घायल हुए थे। हालांकि ब्रिटिश सरकार इस नरसंहार में मरने वालों की संख्या 379 और घायलों की संख्या 1200 बताती है।