श्रीनगर एयरपोर्ट से जबरन लौटाए जाने पर बोले राहुल- साफ है, कश्मीर में सब ठीक नहीं
श्रीनगर से लौटाए जाने पर बोले राहुल, मैं तो गवर्नर के बुलावे पर गया था
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के हालात का जायजा लेने पहुंचे विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने श्रीनगर एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया और जबरन वापस दिल्ली भेज दिया। विपक्ष ने इसे पूरी तरह अलोकतांत्रिक कहा है। प्रतिनिधिमंडल में गए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस पर एतराज जताते हुए कहा है कि सामान्य हालात में तो ऐसा नहीं होता है, इससे साफ है कि राज्य में सब ठीक नहीं चल रहा है। राहुल ने कहा कि जम्मू कश्मीर के गवर्नर के एक ट्वीट के जरिए खुद उनसे आकर कश्मीर का जायजा लेने को कहा था। मैंने उनके न्यौता को स्वीकार किया और पहुंचा लेकिन हमें श्रीनगर एयरपोर्ट पर पुलिस ने रोक लिया।
राहुल गांधी ने कहा, हम सिर्फ लोगों से मिलने चाहते थे क्योंकि 20 दिन से वो किस हाल में हैं कुछ जानकारी नहीं है। हमें नहीं जाने दिया गया इतना ही नहीं जो मीडिया के लोग थे, उनको भी पुलिस ने मारा पीटा और कैमरे बंद किए। ये सब साफ दिखाता है कि सूबे के हालात खराब हैं और सरकार कुछ छुपाना चाहती है।
गुलाम नबी आजाद ने एयरपोर्ट से वापस भेजे जाने पर कहा, लगातार अफसर और सरकार के लोग कह रहे हैं कि हालात ठीक हैं। सब ठीक है तो मैं एक सांसद और पूर्व सीएम होकर अपने ही राज्य में क्यों नहीं जा सकता। तीन पूर्व सीएम हिरासत में क्यों हैं। ये सब तो बताता है कि कुछ भी ठीक नहीं है। सब ठीक होने पर इस तरह से लोगों और नेताओं को घरों में बंद नहीं किया जाता है।
एनसीपी नेता माजिद मेनन ने कहा, ये कहना बेबुनियाद है कि विपक्षी नेताओं के जाने से कानून व्यवस्था को खतरा है। सब जिम्मेदार पार्टी और नेता हैं जो कश्मीर जाना चाहते थे। ये कोई दंगा भड़काने वाले लोग नहीं हैं। विपक्ष भी जनता के प्रति जवाबदेह है। विपक्षी पार्टियों का ये फर्ज है कि 70-80 लाख लोगों की 20 दिन से खबर नहीं है तो उनकी सुध ली जाए। इसीलिए हम लोग जाना चाहते थे।
शनिवार को कांग्रेस के राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, केसी वेणुगोपाल, राजद के मनोज झा, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, डीएमके नेता तिरुची शिवा, शरद यादव, टीएमसी के नेता दिनेश त्रिवेदी, एनसीपी नेता माजिद मेमन और सीपीआई महासचिव डी राजा श्रीनगर पहुंचे थे। प्रशासन ने इनके जाने से हालात बिगड़ने की बात कह सभी को वापस दिल्ली भेज दिया।
बता दें कि 5 अगस्त से राज्य के तीन पूर्व सीएम समेत करीब करीब सभी नेता हिरासत में हैं। घाटी में ज्यादातर जगहों पर धारा 144 लगी है। कई जगहों पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं। टेलीफोन, मोबाइल, इंटरनेट, पोस्ट ऑफिस समेत सभी संचार सुविधाएं बंद हैं। हालांकि बीते कुछ दिन में सेना और प्रशासन ने ढील दी है लेकिन अभी भी जिंदगी सामान्य नहीं है। दूसरे राज्यों से जो नेता जाकर वहां लोगों से मिलना चाहते हैं उनको प्रशासन एयरपोर्ट से ही लौटा रहा है।
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