तमिलनाडु पहुंचे राहुल गांधी, जल्लीकट्टू के आयोजन में हुए शामिल
Rahul Gandhi to attend Jallikattu: कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज तमिलनाडु के मदुरै दौरे पर पहुंचे हैं। वह यहां पोंगल के मौके पर जल्लीकट्टू के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं।राहुल गांधी डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन के बेटे और एक्टर उदयनिधि के साथ जल्लीकट्टू के आयोजन में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। यह आयोजन आज से मदुरै के अवानीपुरम में शुरू हुआ है। प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलगिरी ने इस बात की जानकारी दी है कि राहुल गांधी जल्लीकट्टू आयोजन में शामिल होंगे। इस मौके पर राहुल गांधी नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों को नैतिक समर्थन देंगे। तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सांड़ किसानों की जीवन का हिस्सा हैं और यह किसानों का प्रतीक है। बता दें कि तमिलनाडु में भी इस साल अप्रैल-मई माह में विधानसभा चुनाव है।
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया है कि सिर्फ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उनकी पार्टी एआईएडीएमके ने केंद्र सरकार के तीनों ही कृषि कानूनों का समर्थन किया, इसके अलावा किसी भी पार्टी ने इन कानूनों का समर्थन नहीं किया है। जानकारी के अनुसार राहुल गांधी अपने दौरे में गठबंधन के साथी डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन या किसी अन्य नेता से मुलाकात नहीं करेंगे। अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी किसानों के मुद्दे पर बात कर सकते हैं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से निर्देश दिया गया है कि जल्लीकट्टू के आयोजन के दौरान जरूरी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। जल्लीकट्टू के आयोजन के दौरान खिलाड़ियों की संख्या 150 से अधिक नहीं हो सकती है। साथ ही कोरोना का निगेटिव सर्टिफिकेट का होना भी जरूरी है, इसके बिना खिलाड़ी आयोजन में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। आयोजन स्थल पर कुल क्षमता से सिर्फ 50 फीसदी लोग ही यहां शिरकत कर सकते हैं। दर्शकों को आयोजन स्थल पर आने से पहले उन्हें अपनी थर्मल स्कैनिंग करानी होगी, साथ ही शारीरिक दूरी का भी पालन करना होगा। बता दें कि 400 साल पुराने जल्लीकट्टू खेल का आयोजन पोंगल के पर्व पर किया जाता है, यह फसलों की कटाई के समय होता है।
जल्लीकट्टू के आयोजन में सांड़ की सींग पर नोट या सिक्के फंसाए जाते हैं और उन्हें भगाकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है। इसके बाद इन सांड़ों को काबू करना होता है। सांड़ तेजी से दौड़े इसके लिए उनकी आंखों में लाल मिर्च डाली जाती है, साथ ही उनकी पूंछ को मरोड़ा जाता है। जल्लीकट्टू का काफी समय से विरोध हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में इसपर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन लोगों के विरोध के चलते राज्य सरकार ने अध्यादेश पारित करते इसकी अनुमति दे दी।