इन दिग्गज नेताओं पर राहुल गांधी ने निकाली भड़ास, बोले- इनके बेटों को टिकट देने के पक्ष में नहीं था मैं
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर उथल-पुथल मच गई है। हार के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जमकर भड़ास निकाली और बड़े से बड़े नेता को भी नहीं बख्शा। इस बैठक में राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन पार्टी की वर्किंग कमेटी ने उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया। बैठक के दौरान राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इन नेताओं ने पार्टी हित से उपर अपने बेटों को रखा।
निकाली भड़ास
कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। इस दौरान राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी हित से उफर अपने बेटों को टिकट दिलवाना रखा। राहुल ने आरोप लगाया कि अपने बेटों को टिकट दिलाने के लिए इन नेताओं ने जोर लगाया। दरअसल जब बैठक के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि स्थानीय नेताओं को तैयार करना चाहिए, इसपर राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
टिकट के लिए बनाया दबाव
राहुल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बेटों को टिकट दिलाने के लिए जोर लगाया। उन राज्यों में भी पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा जहां पर कांग्रेस की सरकार है। राहुल ने कहा कि मैं इन नेताओं के बेटों को टिकट दिए जाने के पक्ष में नहीं था। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान जिन मुद्दों को आगे बढ़ाकर भाजपा और पीएम मोदी के खिलाफ प्रचार करना था उसे लेकर नेताओं में आम राय नहीं बन सकी।
इन मुद्दों पर नहीं बनी आम राय
सूत्रों की मानें तो इस दौरान राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है जैसे मुद्दों को लोगों के बीच उठाया और कहा कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों की आम राय नहीं बनी और इसी वजह से भाजपा और नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव प्रचार की रणनीति बेहतर साबित नहीं हुई। बैठक के दौरान राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन इस दौरान बैठक के दौरान माहौल भावुक हो गया, वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि आपको हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है।
कई नेताओं ने किया इस्तीफे का विरोध
बैठक
के
दौरान
वरिष्ठ
नेता
एके
एंटनी,
पी
चिदंबरम,
अहमद
पटेल
ने
राहुल
गांधी
को
शांत
किया।
साथ
ही
प्रियंका
गांधी
ने
कहा
कि
अगर
राहुल
इस्तीफा
देते
हैं
तो
वह
भाजपा
की
रणनीति
में
फंस
जाएंगे।
यही
नहीं
चिदंबरम
ने
इस
बैठक
में
कहा
कि
अगर
राहुल
अध्यक्ष
का
पद
छोड़ते
हैं
तो
कई
कार्यकर्ता
आत्महत्या
कर
लेंगे।
जिसके
बाद
कांग्रेस
की
वर्किंग
कमेटी
ने
राहुल
गांधी
का
इस्तीफा
अस्वीकार
कर
दिया।
नहीं
हुई।
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