क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

विपक्षी दलों के लिए महत्वहीन हो चुके हैं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी!

Google Oneindia News

बेंगलुरू। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस ही नहीं, अब मुख्य विपक्षी दल बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक दलों के लिए महत्वहीन हो चुके हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में 100 वर्ष से अधिक पुरानी कांग्रेस पार्टी पतन की कगार पर खड़ी है। राहुल गांधी रणनीतिक रुप से राजनीतिक में अभी भी भले सक्रिय हैं, लेकिन उनकी पार्टी में भी अब उनकी कद्र कम हो गई है। इसका नमूना तब मिला जब हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनावी कैंपेन के लिए बतौर स्टार प्रचारक बुलाने को लेकर पार्टी कार्यकर्ता जद्दोजहद में नजर आए। यही वजह थी कि नाराज राहुल गांधी हॉलीडे के लिए बैंकाक निकल लिए थे।

Congress

राहुल गांधी कांग्रेस के लिए ही नहीं, बल्कि विपक्षी राजनीतिक दलों की हिट लिस्ट से बाहर हो चुके हैं। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी भी राहुल गांधी को अब अधिक महत्व देने के मूड में नहीं दिख रही है। कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे के राहुल गांधी की अहमियत खुद कांग्रेस में भी घट गई है। यही कारण है कि राहुल गांधी द्वारा नियुक्त किए गए विभिन्न राज्यों के पदाधिकारियों की छुट्टी की जा रही है। पूर्व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं, जो राहुल गांधी के चहेते थे, लेकिन इधर राहुल गांधी गए और उधर उनकी कुर्सी भी छीन ली गई।

congress

महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व क्षेत्रीय प्रदेश अध्यक्ष संजय निरूपम भी लगातार शिकायत करते हुए कह रहे हैं कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ते ही उनके द्वारा नियुक्त किए गए लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। मुद्दा इतना बड़ा था कि देखते ही देखते मीडिया की सुर्खी बन गई।

सोनिया गांधी वर्सेज राहुल गांधी नामक शीर्षक से खूब कलमें घिसी गईं। राहुल गांधी के चहेतों में शामिल संजय निरूपम ने अपनी दुख भरी दास्तां सुनाने के लिए मीडिया के सामने आए और कांग्रेस पार्टी के उन शीर्ष नेताओं को निशान पर लिया जो उनके मुताबिक अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की आड़ में राहुल गांधी के चेहतों की कुर्सी छीन रहे हैं।

Congress

कांग्रेस पार्टी में ही पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की दशा और दिशा ऐसी हो गई है कि सोनिया गांधी की कमान वाली कांग्रेस लगातार उन लोगों को निशाना बना रही है, जिन्हें राहुल गांधी की कमान में तीर-कमान सौंपा गया था। यही कारण है कि विपक्षी पार्टियों भी अब राहुल गांधी ही नहीं, उनके राजनीतिक बयानों को हल्के में लेने लगी हैं।

Congress

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हरियाणा में एक रैली के दौरान राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) मुद्दे बोल रहे थे। इसी दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर प्रतिक्रिया करते हुए उन्होंने कहा कि एनआरसी मुद्दे पर राहुल गांधी कितनी भी आपत्ति करें, लेकिन वर्ष 2024 तक देश से हर घुसपैठिए को बाहर किया जाएगा।

ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी के साथ ऐसा पहली बार हो रहा है। इससे पहले भी राहुल गांधी को लेकर विपक्षी दलों का ऐसा ही रवैया रहा है। यहां तक कि राहुल गांधी को विपक्षी दल राहुल गांधी को चुनाव जीतने वाला शुभंकर तक बतलाने से नहीं चूकते हैं। केंद्र में सत्तासीन बीजेपी के कई नेता ऑन द रिकॉर्ड यह कह चुके हैं कि राहुल गांधी के कांग्रेस में रहते बीजेपी कोई चुनाव नहीं हार सकती है। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को लेकर मीम्स बनाए जाते है, जिसमें मजाकिया अंदाज में लिखा जाता है कि चुनावी रैली में राहुल गांधी की मौजूदगी ही बीजेपी की जीत का रहस्य है।

Congress

उल्लेखनीय है राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ऐतिहासिक पराजय के दौर से गुजरी है। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा। पार्टी को महज 44 लोकसभा सीटों पर विजय मिली। वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटों में थोड़ा सुधार जरूर दर्ज हुआ और पार्टी अपने दम पर 53 सीट जीतने में कामयाब रही, लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी पांरपरिक अमेठी लोकसभा सीट गवां बैठी थी।

congress

अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी की पारंपरिक ही नहीं, घरेलू सीट थी, जहां पिछले 4 दशक से कांग्रेस का कब्जा रहा था, लेकिन कांग्रेस के लिए चुनौती बनकर उभरी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी से अमेठी छीन ली। हालांकि राहुल गांधी उससे पहले ही हार के डर अमेठी छोड़कर सुरक्षित वायनाड पहुंच चुके थे।

Congress

आंकड़ों पर गौर करें तो राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से पूर्व कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के नेतृत्व में कुल 24 चुनावी हार झेला है। वर्ष 2012 यूपी विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी कांग्रेस उपाध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में यूपी विधानसभा चुनाव में 21 सांसदों वाली कांग्रेस पार्टी महज 28 सीट जीतने में कामयाब हो सकी थी।

वर्ष 2012 में ही पंजाब में कांग्रेस जीत की स्वाभाविक दावेदार थी, लेकिन अकाली-भाजपा गठबंधन ने सबको चौंकाते हुए पंजाब में सरकार बनाने में कामयाब हुई। पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इशारों-इशारों में राहुल गांधी को बताया।

congress

राहुल गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री कैंडीडेट घोषित करने को हार के लिए बड़ा कारण बताया था, लेकिन वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी न केवल पंजाब में धमाकेदार जीत दर्ज की बल्कि दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने का सपना देख रही आम आदमी पार्टी को प्रदेश की राजनीति से उठाकर पटकने भी कामयाब हुई। यह वहीं आम आदमी पार्टी थी, जिसने दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था।

Congress

वर्ष 2012 में ही कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी ने नेतृत्व में गोवा विधानसभा में उतरी और वहां भी कांग्रेस की हार हो गई। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों की सीटों में अंतर इतना कम था कि उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस के जीत और हार का पता ही नहीं चला।वर्ष 2012 में कांग्रेस सिर्फ मणिपुर में सरकार बनाने में कामयाब हुई, लेकिन वर्ष 2012 के अंत में हुए गुजरात विधानसभा में कांग्रेस पार्टी सारे तिकड़मों के बावजूद एक बार धड़ाम हो गई। वर्ष 2013 भी राहुल गांधी का नेतृत्व कोई करिश्मा नहीं दिखा पाई और पार्टी लगातार हार पर हार झेलती रही।

वर्ष 2013 में कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृ्तव में पहले त्रिपुरा, फिर नगालैंड, फिर दिल्ली, फिर राजस्थान, फिर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में करारी हार हारती रही। इस दौरान सिर्फ मिजोरम और मेघायल में कांग्रेस को हिमालय हासिल हुआ और बाकी राज्यो में कन्याकुमारी हो गई। हालांकि इस दौरान उसके लिए कर्नाटक में खुश होने की वजह मिल गई थी, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के बाद वर्ष 2014 लोकसभा में मिली करारी हार ने कर्नाटक की जीत का स्वाद काफूर कर दिया था।

Congress

इसी साल कांग्रेस ने झारखंड, जम्मू-कश्मीर की सत्ता गंवा चुकी थी। वर्ष 2015 में बिहार गठबंधन में शामिल हुई कांग्रेस पार्टी ने जीत का स्वाद जरूर चखा, लेकिन नीतीश की लंगड़ी खेलने से कांग्रेस समेत महागठबंधन महाठगबंधन की शिकार होकर सत्ता से बाहर हो गई।

वर्ष 2016 में भी राहुल गांधी कांग्रेस के लिए अनलकी साबित हुए और कांग्रेस असम जैसे बड़े राज्य की सत्ता से दूर हो गई। केरल में भी कांग्रेस गठबंधन चुनाव हार गई और लेफ्ट के साथ पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव लड़ने उतरी कांग्रेस का दिल्ली की तरह वहां भी सूपड़ा साफ हो गया। पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार जरूर बन गई, लेकिन पुडुचेरी?

Congress

राहुल गांधी प्रत्यक्ष रूप से अभी कांग्रेस पार्टी में किसी पद पर आसीन नहीं हैं, लेकिन परोक्ष रूप से कांग्रेस अभी भी राहुल गांधी के नेतृत्व में ही आगामी हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने जा रही है। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी को दूर रखने की कोशिश कांग्रेस पार्टी की पूरी नहीं पाई और कथित रूप से बैंकाक हॉलीडे पर गए राहुल गांधी को दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार करने के लिए बुलाना पड़ गया। हरियाणा और महाराष्ट्र में आगामी 21 अक्टूबर को मतदान होने हैं और चुनाव परिणाम 24 को आएंगे, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों राज्यों में कांग्रेस के लिए कोई बड़ी उम्मीद नहीं हैं।

राहुल गांधी का अभी तक राजनीतिक जीवन हार और हार के मिश्रण से अटा पड़ा है। इसमें राहुल गांधी के राजनीतिक अकुशलता ही वह कड़ी है, जिसकी वजह से प्राचीन इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी शहीद हुई जा रही है। सिर्फ और सिर्फ गांधी परिवार, वंशवाद और राहुल गांधी को ही कमान सौंपने की जिद में देश की बड़ी पार्टी मरणासन्न अवस्था में पहुंच चुकी हैं। राहुल गांधी में अगर नेतृत्व क्षमता होती तो राहुल गांधी की सूझबूझ में यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में उतरी कांग्रेस पार्टी बुरी तरह नहीं हारती।

Congress

राहुल गांधी राजनीति के लिए अनफिट है यह समझने के लिए कांग्रेस आलाकमान को अभी कितना वक्त चाहिए, यह तो कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा। क्योंकि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस पार्टी मे नेतृत्व परिवर्तिन की एक झलकी जरूर दिखाता है। राहुल गांधी के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनाई गईं 72 वर्षीय सोनिया गांधी कब तक पार्टी की बागडोर संभालेंगी। दोनों विधानसभा चुनावों के परिणामों में अगर कांग्रेस को थोड़ी बहुत भी राहत मिलती है, तो माना जा रहा है कि पार्टी प्रियंका गांधी को नेतृत्व सौंप सकती है और फिर राहुल गांधी नेपथ्य में रहकर प्रधानमंत्री बनने का इंतजार किया करेंगे।

यह भी पढ़ें-जानिए कब-कब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बन गए अपने मुंह मियां बुद्धु!

Comments
English summary
Former Congress president Rahul gandhi is now irrelevant for oppostion party of india as well. Rahul gandhi currently not holding any position in congress and campaign for congress in upcoming haryana and maharashtra elections.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X