लोकसभा में राहुल गांधी को प्रश्न पूछने की नहीं मिली इजाजत, कहा-मेरे अधिकारों पर चोट
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में एक सांसद के रूप में पूरक प्रश्न पूछने के अपने अधिकार पर असंतोष व्यक्त किया है। स्पीकर ओम बिड़ला पर नजरअंदाज का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, मैंने एक आसान सवाल पूछा कि जो विल-फुल डिफॉल्टर हैं उनका क्या नाम है लेकिन मुझे उनका नाम नहीं मिला,लंबा भाषण मिला। मेरा जो संसदीय अधिकार है सेकेंडरी सवाल पूछने का वो मुझे स्पीकर जी ने नहीं दिया। इससे मुझे काफी चोट पहुंची, ये सांसद होते हुए मेरे अधिकार पर चोट है।
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राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में बेड लोन का मुद्दा उठाया था और 50 शीर्ष विलफुल डिफॉल्टरों की सूची मांगी थी। लेकिन उन्हें इसका लिखित जवाब नहीं मिला। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि, भारतीय अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुजर रही है। बैंकिंग प्रणाली कठिनाइयों का सामना कर रही है। कई और बैंक विफल होने की कगार हैं। बैंकों की विफलता का एक मुख्य कारण बड़ी संख्या में लोगों द्वारा बैंक धन की चोरी है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिन लोगों ने पैसा चुराया है, उन्हें वापस लाया जाएगा और दंडित किया जाएगा। लेकिन मुझे मेरे आसान सवाल का जवाब नहीं मिला।
राहुल गांधी ने कहा कि, आखिर सरकार देश के 50 सबसे बड़े विलफुल डिफाल्टर्स के नाम बताने से क्यों डर रही है? यह सांसद का अधिकार है कि वह पूरक पूश्न पूछे। मैंने सवाल किया कि 50 विलफुल डिफाल्टर्स का नाम बताइए, जिसका मंत्री ने जवाब नहीं दिया। मैं पूरक प्रश्न पूछना चाहता था। राहुल गांधी ने दावा किया, यह लोकसभा अध्यक्ष का कर्तव्य था कि वह मेरे अधिकार की रक्षा करें और पूरक प्रश्न पूछने की इजाजत देते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। सवाल पूछने के मेरे अधिकार को छीनना पूरी तरह अनुचित है।
मैने आज सदन में प्रश्नकाल के दौरान सरकार से सीधा सवाल पूछा कि भारतीय बैकों के वो 50 सबसे बड़े कर्ज ग़बन करनेवाले कौन है? उनके क्या नाम है? सरकार ने अपने जबाब में फिर इधर उधर की बात की मगर किसी का नाम तक बताना उचित नही समझा। pic.twitter.com/SO3M1scHAF
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 16, 2020
उन्होंने सवाल किया, सरकार विलफुल डिफाल्टर्स के नाम लेने से क्यों डर रही है? 50 लोगों ने भारतीय पैसे की चोरी की है। हम जानते हैं कि अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। फिर इन लोगों के नाम क्यों नहीं बता रहे हैं? मैं लगातार आगाह करता आ रहा हूं कि कोरोना वायरस की स्थिति में अर्थव्यवस्था और बैंकों की हालत बहुत खराब हो सकती है। दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इस तरह के कदमों से कोई मदद नहीं मिलेगी।
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