H-1B वीजा पर बोले राहुला गांधी- अगर ये रद्द हुआ तो खासा प्रभावित होंगी भारतीय और अमेरिकी कंपनियां
नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति के डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन द्वारा H-1B वीजा का निलंबन खत्म करने का वादा करने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बयान आया है। राहुल गांधी ने कहा है कि इस वीजा कार्यक्रम से अमेरिका को बहुत फायदा हुआ है और इसका निलंबन रद्द होना चाहिए। गौरतलब है कि बाइडेन ने कहा है कि यदि वह नवंबर में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतते हैं, तो वह भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय एच-1बी वीजा पर लागू अस्थायी निलंबन को खत्म कर देंगे।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन ने 23 जून को भारतीय आईटी पेशेवरों को एक बड़ा झटका देते हुए एच-1बी वीजा और अन्य विदेशी कार्य वीजा को 2020 के अंत तक निलंबित कर दिया था। चुनावी साल में अमेरिकी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया गया। उन्होंने कहा, ''पहले दिन (कार्यकाल के) मैं 1.1 करोड़ दस्तावेजरहित अप्रवासियों की नागरिकता की राह आसान करने के लिए कांग्रेस में विधायी आव्रजन सुधार विधेयक भेजने जा रहा हूं। इन लोगों ने इस देश के लिए बहुत अधिक योगदान किया है, जिसमें एएपीआई समुदाय के 17 लाख लोग शामिल हैं।'' बिडेन ने एनबीसी न्यूज द्वारा एशियाई अमेरिकी और प्रशांत द्वीप समूह के लोगों (एएपीआई) के मुद्दों पर आयोजित एक डिजिटल टाउन हॉल बैठक में एच-1बी वीजा धारकों के योगदान की प्रशंसा की। बिडेन ने कहा, ''उन्होंने (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप) इस साल के बाकी समय में एच-1बी वीजा को समाप्त कर दिया। ऐसा मेरे प्रशासन में नहीं होगा।''
आपको बता दें कि एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता के आधार पर विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की अनुमति देता है, जिसके लिए अतिविशिष्ट ज्ञान और किसी खास क्षेत्र में स्नातक या उच्च डिग्री की जरूरत पड़ती है। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में यह आदेश जारी किया था, जिसमें कुछ श्रेणियों के एच-4 वीजाधारकों खासतौर से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को अमेरिका में रहकर काम करने की अनुमति का प्रावधान है। इस वीजा के जरिए प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल दसियों हजार कर्मचारियों की भर्ती करती हैं।